सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र में भीषण आग, फर्नीचर फैक्ट्री धू-धू कर जली


बिलासपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  / सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र स्थित मित्तल फर्नीचर फैक्ट्री में मंगलवार दोपहर ज्वलनशील तारपीन तेल के टैंकर में आग लगने से भीषण हादसा हो गया। आग की चपेट में आने से फैक्ट्री का एक श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गया, जिसे उपचार के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, एक अन्य श्रमिक अभिजीत सूर्यवंशी के फैक्ट्री परिसर में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोपहर के समय फैक्ट्री परिसर में बने तारपीन तेल के भंडारण टैंकर से अचानक धुआं उठता दिखाई दिया। कुछ ही पलों में टैंकर में आग लग गई, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। आग की ऊंची लपटें और काला धुआं दूर-दूर तक दिखाई देने लगा, जिससे पूरे औद्योगिक क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। 

घटना की सूचना मिलते ही सिरगिट्टी पुलिस और दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के लिए दमकल कर्मियों ने फोम और पानी का लगातार छिड़काव किया। एहतियात के तौर पर फैक्ट्री परिसर को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। साथ ही आसपास की औद्योगिक इकाइयों को भी अलर्ट कर दिया गया है, ताकि आग फैलने की कोई आशंका न रहे।

प्रारंभिक जांच में आग लगने के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि शॉर्ट सर्किट अथवा किसी ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आने से आग लगने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस व प्रशासन द्वारा मामले की जांच जारी है।

साहित्य जगत में शोक, नहीं रहे प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल

रायपुर। TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कहा है कि हिन्दी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हो गया है. वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और इसी अस्पताल में भर्ती थे. पिछले ही महीने उन्हें हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे विनोद कुमार शुक्ल, लगभग नौ दशक के जीवन-सफर के साथ, हिन्दी साहित्य में ऐसे लेखक के रूप में प्रतिष्ठित थे, जो बहुत धीमे बोलते थे लेकिन जिनकी साहित्यिक आवाज़ दूर-दूर तक सुनाई देती थी.

मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को उन्होंने अपनी कविताओं, कहानियों और उपन्यासों में अद्भुत कोमलता और सूक्ष्मता के साथ जगह दी. उनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, घास का छोटा-सा टुकड़ा, एक पेड़ भी, पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता-संग्रह 'लगभग जय हिन्द' 1971 में प्रकाशित हुआ, जिसके साथ ही उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती संवेदनाएँ हिन्दी कविता के परिदृश्य में दर्ज होने लगीं.

इसके बाद 'वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह', 'सब कुछ होना बचा रहेगा', 'अतिरिक्त नहीं', 'कविता से लंबी कविता', 'आकाश धरती को खटखटाता है', 'पचास कविताएँ', 'कभी के बाद अभी', 'कवि ने कहा', 'चुनी हुई कविताएँ' और 'प्रतिनिधि कविताएँ' जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिन्दी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शामिल कर दिया.

कथा-साहित्य में उनके उपन्यास 'नौकर की कमीज़' ने 1979 में हिन्दी कहानी और उपन्यास की धारा को एक अलग मोड़ दिया. इस उपन्यास पर बाद में मणि कौल ने फ़िल्म भी बनाई. आगे चलकर 'खिलेगा तो देखेंगे', 'दीवार में एक खिड़की रहती थी', 'हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़', 'यासि रासा त' और 'एक चुप्पी जगह' के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की जटिल आकांक्षाओं को एक विशिष्ट कथा-शिल्प में रूपांतरित किया.

उनके कहानी संग्रह 'पेड़ पर कमरा', 'महाविद्यालय', 'एक कहानी' और 'घोड़ा और अन्य कहानियाँ' जैसे संग्रहों में दर्ज हैं, जहाँ घरेलू, सूक्ष्म और अक्सर उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ सामने आते हैं. उनकी अनेक रचनाएँ भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं.

अपने लंबे रचनात्मक सफ़र में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फ़ेलोशिप, रजा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिन्दी गौरव सम्मान, मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. (साभार /  -आलोक पुतुल / bbc.com/hindi)

निगम के नए कमिश्नर पीके सर्वे ने किया पदभार ग्रहण, कहा शासन की योजनाओं को पूरा करना प्राथमिकता


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / नवपदस्थ कमिश्नर आईएएस प्रकाश कुमार सर्वे ने आज नगर पालिक निगम कमिश्नर तथा एमडी स्मार्ट सिटी के रूप में पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करते ही कमिश्नर श्री सर्वे ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निगम तथा स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रही योजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान कमिश्नर श्री प्रकाश कुमार सर्वे ने कहा की शासन की जो योजनाएं है उन्हें बेहतर तरीके से समय पर पूरा करना तथा उसका लाभ शहरवासियों को मिलें यें उनकी प्राथमिकता है। आगे चर्चा करते हुए कमिश्नर श्री सर्वे ने कहा निगम के जितने भी कार्य है उन सभी को शहर वासियों के सहयोग से पूरा करने का प्रयास होगा।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में बिलासपुर का पूरे देश में दूसरा स्थान है,जो गौरवान्वित करने वाला है,इसे प्रथम स्थान पर लाने के लिए कार्य करेंगे। स्वच्छता एक सतत रूप से चलने वाली और अनिवार्य प्रक्रिया है,जिसका क्रियान्वयन प्राथमिकता और गुणवत्ता के साथ होनी चाहिए, शहर वासियों के साथ मिलकर सभी के सहयोग से इस पर कार्य करेंगे ताकि आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में बिलासपुर को पहला रैंक मिल सकें।  निगम के अंतर्गत आने वाली सभी मूलभूत सुविधाओं और सेवा का निर्बाध रूप से लाभ सभी शहरवासियों को मिलता रहें इस इस दिशा में काम किया जाएगा। इसके साथ ही निगम तथा स्मार्ट सिटी के अंतर्गत जितने भी विकास कार्य चल रहें हैं उसे समय सीमा के भीतर पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा। अरपा नदी बिलासपुर की जीवनदायिनी है, उसे प्रदूषण से बचाने तथा एक नई पहचान देने के लिए अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन योजना और अन्य योजनाओं पर काम जारी है,जिसका क्रियान्वयन गुणवत्ता के साथ समय सीमा के भीतर किया जाएगा। इसके साथ ही निगम कमिश्नर श्री प्रकाश कुमार सर्वे ने कहा की बिलासपुर को और भी बेहतर और विकसित बनाने के लिए सभी से सुझाव लेकर कार्य किया जाएगा। इससे पहले निगम के प्रभारी कमिश्नर श्री खजांची कुम्हार ने नवनियुक्त कमिश्नर श्री प्रकाश कुमार सर्वे को पदभार सौंपा।

SECR: बिलासपुर मंडल को मिले नए DRM, राकेश रंजन ने संभाला कार्यभार


बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के नए मंडल रेल प्रबंधक के रूप में राकेश रंजन ने 22 दिसंबर को पदभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने मंडल के सभी शाखाधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक कर परिचय प्राप्त किया।

इस दौरान श्री रंजन ने मंडल में संचालित विभिन्न विकास कार्यों एवं परियोजनाओं की जानकारी ली और उनके समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और परिचालन क्षमता में सुधार उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। राकेश रंजन भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसएसई) के 1996 बैच के अधिकारी हैं। बिलासपुर मंडल में पदस्थापना से पूर्व वे पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में चीफ सिग्नल इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे।

अपने दीर्घ सेवाकाल के दौरान उन्होंने बरौनी एवं गोरखपुर में एएसटीई, इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन (आईआरआईएसईटी), हैदराबाद में प्रोफेसर, पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर में मुख्य संचार इंजीनियर, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में निदेशक तथा रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली में कार्यकारी निदेशक (टेलीकॉम डेवलपमेंट) सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

रेलटेल कॉर्पोरेशन में निदेशक रहते हुए नई पीढ़ी के एक्सल काउंटर एवं आईपी आधारित एक्सचेंज प्रणालियों के विकास और सफल कार्यान्वयन में उनका अहम योगदान रहा है। तकनीकी दक्षता और व्यापक प्रशासनिक अनुभव से परिपूर्ण श्री राकेश रंजन के नेतृत्व में बिलासपुर मंडल में विकास कार्यों को नई दिशा और गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
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