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'उस गाँव में पक्षियों को लेकर ना फिर वैसी भीड़ जुटी ना मेले लगे'

( रिपोर्ट / सत्यप्रकाश पांडेय )
बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /   बेमेतरा जिले के दुर्ग वन मंडल का गिधवा-परसदा, जिसे पक्षी विहार के रूप में भी कुछ लोग जानते हैं। साल 2021 में पहली बार पक्षियों के लिये गाँव में मेला सजा। गाँव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मंत्री-संतरी और नौकरशाह बड़ी संख्या में पहुँचें। गिधवा-परसदा, जहाँ हर साल सैकड़ों की संख्या में प्रवासी परिंदे पहुँचते हैं उसे राज्य के नक्शे में अलग पहचान देने का शोर मचाया गया। पक्षी मेले के मंच से आते शोर में रोजगार और रोजगार के अवसर का भरोसा पाकर ग्रामीण सपनों की दीवार चुनने लगे। अफ़सोस,  उस दिन के बाद से आज तलक गाँव में पक्षियों को लेकर ना वैसी भीड़ जुटी ना मेले लगे। ग्रामीणों को रोजगार के अवसर की तलाश, तलाश बनकर ही रह गई। कुछ बेरोजगारों को उम्मीद थी रोजगार मिलेगा, जिन्हें बतौर वालेंटियर काम मिला उन्हें इतना भी मानदेय नहीं मिलता कि वे घर चला सकें। कुछ बातें उसी गिधवा गाँव से जहाँ लोगों को आज भी 'उस मेले में कही गई बातें याद हैं।'   

बता दें कि देश-दुनिया के अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को पनाह देने वाले गिधवा-परसदा में छत्तीसगढ़ का पहला पक्षी महोत्सव का आयोजन साल 2021 में 31 जनवरी से 2 फरवरी तक तीन दिनों तक किया गया था । जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण में पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गिधवा में 150 प्रकार के पक्षियों का अनूठा संसार है। पक्षी मेला, इको टूरिज्म के विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा-परसदा में आयोजन किया गया ।

तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिधवा-परसदा क्षेत्र में पक्षी जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का बड़ा ऐलान किया था,  इसके लिये भवन निर्माण का काम प्रगति पर है। गिधवा-परसदा में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये भी कहा था की राज्य के समस्त वेटलैंड का संरक्षण एवं प्रबंधन छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड करेगा। एकाध जगह छोड़ दें तो इस दिशा में धरातल पर ठोस काम होता कहीं दिखाई नहीं पड़ता। 

 ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार’ को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की बात कही गई थी । भरोसा यह भी दिलाया गया कि छत्तीसगढ़ के इस पक्षी विहार को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। पक्षी विज्ञानियों, प्रकृति प्रेमियों और यहां आने वाले सैलानियों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

यहाँ करीब 100 एकड़ में फैले पुराने तालाब के अलावा परसदा में भी 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है। सर्दियों की दस्तक के साथ अक्टूबर से मार्च के बीच यहां यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश से पक्षी पहुंचते हैं। जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें काफी आकर्षित करती है। गिधवा परसदा के अलावा एरमशाही,कूंरा और आसपास के छोटे-बड़े तालाब इन पक्षियों की शरणस्थली हैं। 

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घूसखोर पटवारी निलंबित, कलेक्टर बोले काम में हीला हवाला और रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं होगी


TODAY छत्तीसगढ़  / बेमेतरा / राज्य के बेमेतरा जिले में पटवारी से परेशान होकर एक किसान ने उसका घूस लेते वीडियो बना लिया । वीडियो में ऋण पुस्तिका बनाने के नाम पर पटवारी किसान से 5 हजार रुपए लेते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है। इस खबर के वायरल हो जाने के बाद घूसखोर पटवारी को कलेक्टर के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है।

जिले के बेरला तहसील के अन्तर्गत पटवारी हल्का नम्बर 19 ग्राम रांका के पटवारी शंकर लाल नेताम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके विरुद्ध एक किसान से ऋण पुस्तिका बनने के एवज में नगद रुपए की मांग करने की शिकायत हुई थी। जिसके बाद एसडीएम बेरला द्वारा संबंधित पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

वहीं बेमेतरा कलेक्टर भोसकर विलास संदीपन ने कहा है  कि यदि कोई भी शासकीय कर्मचारी अधिकारी यदि किसानों, ग्रामीणों और आम नागरिकों के काम करने मे हीलाहवाला करता है,और घूस की मांग करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी ।

आपको बता दें आखिर क्या था पूरा मामला - बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के ग्राम रांका का मामला सामने आया था। जहां हल्का पटवारी शंकर लाल नेताम ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में किसान से करीब 10 हजार रुपए ले चुका था। लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी किसान को ऋण पुस्तिका बनाकर नहीं दिया। यह घटना शुक्रवार शाम करीब 5 बजे की है। मामले में परेशान किसान चंद्रिका साहू ने पटवारी का 5 हजार रुपए घूस लेते वीडियाे बना लिया, जो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ।

किसान चंद्रिका साहू कठिया गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम रांका में उनकी डेढ़ एकड़ जमीन है। जिसकी ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहा था। पटवारी शंकर लाल नेताम ने ऋण पुस्तिका तैयार करने के एवज में दो हजार रुपये मांगे थे। इस तरह उन्होंने करीब 4500 रुपए ले लिया। चार माह बीतने के बाद पटवारी ने ऋण पुस्तिका बन जाने की बात कहकर पटवारी कार्यालय रांका बुलाया। जहां उन्होंने तहसीलदार का हस्ताक्षर नहीं होने की बात कहकर 5 हजार रुपए और देने की मांग की थी।

                                          

धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था, कवर्धा सहित कई जगहों में प्रदर्शन

TODAY छत्तीसगढ़  /      सरकार की सफाई के बाद भी धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था कायम रही। कवर्धा सहित कई जगहों में प्रदर्शन भी हुआ। इसी कड़ी में मुख्य सचिव आरपी मंडल हेलिकॉप्टर से धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण के लिए निकले। उनके साथ खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी थे। 
आर.पी. मंडल सबसे पहले बिलासपुर गए और वहां से सड़क मार्ग से जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए। जांजगीर-चांपा में उन्होंने बलौदा और अन्य खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया साथ ही किसानों से चर्चा भी की।  मुख्य सचिव के साथ खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत और एमडी मार्कफेड शम्मी आबिदी भी थे। इससे परे कवर्धा और बेमेतरा व रायपुर जिले के खरोरा में कुछ जगहों पर सरकार के आदेशों के बावजूद लिमिट तय करने पर विवाद हुआ। कवर्धा में तो किसानों के द्वारा प्रदर्शन की भी खबर आई है। 
कवर्धा के रेगाखार, मुंगेली के मोहभट्टा, बिलासपुर के कोटा, भरारी, नेवला और पिपलतराई समितियों का मुख्य सचिव ने निरीक्षण किया। कोटा में हेलिकाप्टर छोड़ वे सड़क मार्ग से बिलासपुर होते हुए वे जांजगीर जिले के लिए रवाना हो गए। बिलासपुर से जांजगीर मार्ग पर दो दर्जन से अधिक धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं।  सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में छोटे व्यापारियों द्वारा वैध तरीके से किसानों से धान खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में की गई घोषणा के अनुरूप एक ही प्रकार के कृषि उपज के संबंध में मंडी अधिनियम के तहत 4 क्विंटल के स्थान पर 10 क्विंटल के संग्रहण की अनुमति छोटे व्यापारियों को दी गई हैै। प्रदेश में धान खरीदी की अपनी पूरी अवधि 15 फरवरी 2020 तक की जाएगी। 
धान खरीदी केन्द्रों के क्षमता के अनुसार किसानों को असुविधा से बचाने के लिए टोकन जारी करने की व्यवस्था प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गई है। यह अफवाह असत्य है कि कोई लिमिट लगाकर किसानों से धान खरीदी की जा रही है। धान की खरीदी के लिए छोटे-बड़े सभी किसानों से उनके पंजीकृत रकबे के अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल की दर से धान खरीदी सुनिश्चित की जाएगी एवं धान खरीदी के लिए प्रत्येक किसान को अपनी उपज बेचने का अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में धान खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। 

150 साल के गंगाराम ने दुनिया छोड़ी, रो पड़ा पूरा गाँव

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर ग्राम बाबमोहतरा के तालाब में रहने वाले करीब डेढ़ सौ वर्षीय मगरमच्छ 'गंगाराम" की मंगलवार को मौत हो गई। इससे पूरा गांव शोक में डूब गया। ग्रामीण उसे देवता के रूप में पूजते थे। उनकी मांग पर वन विभाग ने गांव में ही उसका पोस्टमार्टम किया।
ट्रैक्टर पर जब अंतिम यात्रा निकाली गई, तो गंगाराम के चौड़े माथे पर गुलाल का टीका लगाने को पूरा गांव उमड़ पड़ा। इस दौरान सभी की आंखें छलक रही थीं। मंगलवार की सुबह कुछ ग्रामीण स्नान करने के लिए जब तालाब पहुंचे, तो गंगाराम पानी में उतराया हुआ था।
ग्रामीणों के लिए यह आम बात थी, लेकिन जब काफी देर के बाद भी उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई, तो उन्हें किसी अपशकुन का संदेह हुआ। जल्द ही यह खबर पूरे गांव में फैल गई और तालाब के पास लोग उमड़ पड़े। काफी मशक्कत के बाद उसे पानी से बाहर निकाला गया। इस दौरान भी उसके शरीर में कोई हरकत नहीं होने से ग्रामीणों को भरोसा हो गया था कि उनका देवता अब नहीं रहा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना कोतवाली बेमेतरा व वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम ने उसके मौत की पुष्टि की।
 निकली शव यात्रा -
गांव में ट्रैक्टर को सजा-धजा कर मगरमच्छ की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। महिलाओं ने छूकर उनसे आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ही गंगाराम को दफन कर उसका स्मारक बनाकर उसकी याद को जिंदा रखेंगे।
 कई डाक्यूमेंट्री फिल्में बनी है -
ग्रामीणों ने बताया कि गंगाराम को वे गांव के सदस्य की तरह ही मानते रहे हैं। गंगाराम लोगों से इतना घुला-मिला था कि गांव का बच्चा भी उससे नहीं डरता था। गाँव के कई लोगों ने बताया कि मगरमच्छ ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। गंगाराम पर दिल्ली व रायपुर के कई कलाकारों ने डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाया है।


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