TODAY छत्तीसगढ़ / सरकार की सफाई के बाद भी धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था कायम रही। कवर्धा सहित कई जगहों में प्रदर्शन भी हुआ। इसी कड़ी में मुख्य सचिव आरपी मंडल हेलिकॉप्टर से धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण के लिए निकले। उनके साथ खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी थे।
आर.पी. मंडल सबसे पहले बिलासपुर गए और वहां से सड़क मार्ग से जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए। जांजगीर-चांपा में उन्होंने बलौदा और अन्य खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया साथ ही किसानों से चर्चा भी की। मुख्य सचिव के साथ खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत और एमडी मार्कफेड शम्मी आबिदी भी थे। इससे परे कवर्धा और बेमेतरा व रायपुर जिले के खरोरा में कुछ जगहों पर सरकार के आदेशों के बावजूद लिमिट तय करने पर विवाद हुआ। कवर्धा में तो किसानों के द्वारा प्रदर्शन की भी खबर आई है।
कवर्धा के रेगाखार, मुंगेली के मोहभट्टा, बिलासपुर के कोटा, भरारी, नेवला और पिपलतराई समितियों का मुख्य सचिव ने निरीक्षण किया। कोटा में हेलिकाप्टर छोड़ वे सड़क मार्ग से बिलासपुर होते हुए वे जांजगीर जिले के लिए रवाना हो गए। बिलासपुर से जांजगीर मार्ग पर दो दर्जन से अधिक धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में छोटे व्यापारियों द्वारा वैध तरीके से किसानों से धान खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में की गई घोषणा के अनुरूप एक ही प्रकार के कृषि उपज के संबंध में मंडी अधिनियम के तहत 4 क्विंटल के स्थान पर 10 क्विंटल के संग्रहण की अनुमति छोटे व्यापारियों को दी गई हैै। प्रदेश में धान खरीदी की अपनी पूरी अवधि 15 फरवरी 2020 तक की जाएगी।
धान खरीदी केन्द्रों के क्षमता के अनुसार किसानों को असुविधा से बचाने के लिए टोकन जारी करने की व्यवस्था प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गई है। यह अफवाह असत्य है कि कोई लिमिट लगाकर किसानों से धान खरीदी की जा रही है। धान की खरीदी के लिए छोटे-बड़े सभी किसानों से उनके पंजीकृत रकबे के अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल की दर से धान खरीदी सुनिश्चित की जाएगी एवं धान खरीदी के लिए प्रत्येक किसान को अपनी उपज बेचने का अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में धान खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है।