बिलासपुर । TODAY छत्तीसगढ़ / प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को बिलासपुर में जोरदार प्रदर्शन किया। नेहरू चौक से कलेक्टोरेट तक निकाले गए इस मार्च में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदेश में अव्यवस्थाओं और नीतिगत गलतियों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। जर्जर सड़कों से लेकर बिजली बिल, धान खरीदी और पर्यावरणीय क्षति तक कई मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी का कहना है कि जनता महंगाई और बदइंतजामी से परेशान है, जबकि सरकार विकास के दावों में उलझी हुई है।
प्रदर्शनकारियों के कलेक्टोरेट पहुंचने से पहले ही पुलिस ने सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ामात कर रखे थे। कांग्रेस के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने कलेक्टोरेट से पहले ही बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी उग्र होकर बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने वज्र वाहन और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पानी की तेज धार लगते ही बैरिकेड पर चढ़े जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी समेत कई कांग्रेसी जमीन पर गिर पड़े।
जर्जर सड़कों और स्मार्ट सिटी योजना पर सवाल
कांग्रेस नेताओं ने शहर की लगातार खराब होती सड़कों का मुद्दा उठाया। बरसात के बाद मरम्मत हुए बिना बार-बार सड़कों के टूटने से दुर्घटनाओं और धूलजनित बीमारियों में बढ़ोतरी का आरोप लगाया गया। साथ ही स्मार्ट सिटी फंड से ऐसे क्षेत्र में सड़क निर्माण पर सवाल खड़े किए गए जहाँ एक भी घर नहीं है और सड़क जाकर निजी जमीन में समाप्त हो जाती है। कांग्रेस ने इसे “अव्यवहारिक और जनता की जरूरतों से दूर योजना” करार दिया।
कोयला खनन और जंगलों की कटाई पर विरोध
हसदेव अरण्य और तमनार में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस ने पर्यावरणीय खतरे की चेतावनी दी। पार्टी का कहना है कि कोयला उद्योग से छत्तीसगढ़ के लोगों को अपेक्षित लाभ नहीं मिलता, उल्टा प्रदूषण और जंगलों के नुकसान का बोझ जनता ही उठाती है। किसानों को धान में पानी की खपत का हवाला देकर रोकने, जबकि उद्योगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराए जाने को कांग्रेस ने “सरकार की दोहरी नीति” बताया।
बिजली बिलों और स्मार्ट मीटर को लेकर नाराजगी
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले दो वर्षों में पाँच बार बिजली दरें बढ़ाई हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान है। कम खपत के बावजूद बिल हजारों में पहुँचने के मामले सामने आए हैं। पार्टी ने स्मार्ट मीटरों को लेकर कहा कि बिजली बंद होने पर भी मीटर चलते रहने से जनता में आक्रोश बढ़ा है।
धान खरीदी में अव्यवस्था से किसान परेशान
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि कई खरीदी केंद्रों में प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। पंजीयन संबंधी गड़बड़ियों के कारण किसान लगातार भटक रहे हैं। बोरा उपलब्धता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। पार्टी ने चेतावनी दी कि मौजूदा व्यवस्था में कई किसान अपना धान बेच ही नहीं पाएंगे।
रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी और गरीबों पर ‘बुलडोजर’
पाँच डिसमिल तक की जमीन की रजिस्ट्री रोकने और नई गाइडलाइन से रजिस्ट्री शुल्क बढ़ाने के निर्णय को कांग्रेस ने गरीब और मध्यम वर्ग पर सीधा प्रहार बताया। कांग्रेस का आरोप है कि शहरों में गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाकर परिवारों को बेघर किया जा रहा है। इससे न सिर्फ उनका आशियाना छिन रहा है बल्कि शहर के पास काम-धंधे के अवसर भी खत्म हो रहे हैं।
CSP सिविल लाइन निमितेश सिंह ने बताया कि कांग्रेस के कलेक्टोरेट मार्च को देखते हुए पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक संचालन के लिए बैरिकेडिंग व रूट डायवर्ट किया गया था। वाटर कैनन की कार्रवाई के बावजूद कई प्रदर्शनकारी देर तक डटे रहे, जिससे कुछ समय तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। बाद में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।

