TODAY छत्तीसगढ़ / रायपुर। पिछले 12 दिनों से लापता दो नाबालिग की हत्या कर दी गई है। दोनों गुम नाबालिग की उन्हें काम दिलाने के लिए साथ ले जाने वाले दो व्यक्तियों ने ही हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है।
बताया गया कि रायपुर के भाठागांव इलाके के रहने वाले उमेश यादव (17), और रंजीत एक जून से लापता थे। दोनों को पास में ही रहने वाला खेलन काम दिलाने के नाम पर अपने साथ ले गया था। खेलन फल मार्केट में हमाली का काम करता है। पिकअप वाहन में वह इन लड़कों को लोडिंग-अनलोडिंग के काम से लेकर गया।
परिजनों को लगा कि दोनों लौट आएंगे मगर एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनकी कोई खबर नहीं आई। दोनों लड़कों और खेलन का भी फोन बंद मिला। इसके बाद वे पुलिस के पास गए। पुलिस ने खेलन के बारे में पता किया तो जानकारी मिली की वह अनूपपुर में है। पुलिस की टीम वहां गई तो हत्या का खुलासा हुआ।
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आरोपियों ने अपना गुनाह कबूलते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से ये पैसों की तंगी से जूझ रहे थे। इसलिए उन्होंने नाबालिगों को साथ ले जाकर पहले उनके सारे पैसे लूटे, और फिर हत्या कर दी। इस घटना की योजना बनाने में उनका साथी रामस्वरूप भी वारदात में शामिल था। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से ही खेलन वहीं छुपा हुआ था। उसने नाबालिगों के पास रखे रुपयों को लूटने की नीयत से काम और खाने-पीने, मजे करने का झांसा देकर अपने साथ लेकर गया था।
अनूपपुर जिले के बेल्हा गांव के खेत की एक झोपड़ी में खेलन ने अपने एक साथी और उमेश व रंजीत के साथ मिलकर दावत उड़ाई। उन्हें खूब शराब पिलाई। जब दो बेसुध होकर सो गए तो इनके रुपए लूट लिए और पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। घटना के बाद खेलन ने पिकअप वाहन में दोनों नाबालिगों का शव रखा और बेल्हा गांव, जहाँ हत्या की वहा से 20 किलोमीटर दूर पंडरी बाकन गांव में ले जाकर एक नाले में पिकअप गिरा दिया।
खेलन इस मर्डर को एक हादसा बताने की कोशिश करना चाहता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे पंडरी बाकन लेकर गई जहां से उमेश और रंजीत की सही हुई लाश मिली हैं। खेलन और उसके साथी पर हत्या और अपहरण का केस दर्ज किया गया है।