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Chhattisgarh: दुर्लभ पक्षियों के आसरे को मिलेगा वैश्विक दर्जा: कोपरा जलाशय प्रस्तावित रामसर स्थल


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर जिले में स्थित कोपरा जलाशय को प्रस्तावित रामसर स्थल घोषित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने इसके लिए औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। प्राकृतिक एवं मानव निर्मित विशेषताओं वाला यह जलाशय जल संसाधन, सिंचाई और जैव विविधता के लिए क्षेत्र का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद

वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कोपरा जलाशय को रामसर स्थल का दर्जा मिलने से न केवल इसका संरक्षण और मजबूत होगा, बल्कि क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलेगी। यह जलाशय वर्षा और आसपास के नालों से भरता है तथा स्थानीय ग्रामीणों की पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं का मुख्य स्रोत है। जलाशय के आसपास की भूमि अत्यंत उपजाऊ होने के कारण कई गाँवों की कृषि गतिविधियाँ इसी पर निर्भर हैं। 

जैव विविधता का समृद्ध केंद्र

कोपरा जलाशय वर्षभर विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, जलचर जीवों और वनस्पतियों का सुरक्षित आवास बना हुआ है। खासकर प्रवासी पक्षियों की यहां बड़ी संख्या में मौजूदगी दर्ज की जाती है। जलाशय में मछलियों, जलीय पौधों, उभयचर, सरीसृपों और असंख्य कीट-पतंगों की उपस्थिति इसे महत्वपूर्ण जैव विविधता क्षेत्र बनाती है।

दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण का उपयुक्त स्थल

राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के अनुसार यह क्षेत्र रिवर टर्न, कॉमन पोचार्ड और इजिप्शियन वल्चर जैसे दुर्लभ एवं संवेदनशील पक्षियों के संरक्षण के लिए अत्यंत उपयुक्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोपरा जलाशय रामसर मानदंड 02, 03 और 05 को पूरा करता है, जो इसे एक उत्कृष्ट वेटलैंड इकोसिस्टम बनाते हैं। 

पर्यटन और संरक्षण दोनों को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र से स्वीकृति मिलने पर कोपरा जलाशय को अंतरराष्ट्रीय स्तर का संरक्षण मिलेगा और इसका वैज्ञानिक, पर्यावरणीय तथा पर्यटन संबंधी महत्व और बढ़ जाएगा। सरकार जल संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और ग्रामीण आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को भी सुदृढ़ करने की तैयारी कर रही है, ताकि क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय समुदाय के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया जा सके।

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