TODAY छत्तीसगढ़ / उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाई गई उन्नाव निवासी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता शुक्रवार देर रात आखिरी जिंदगी की जंग हार गई। यहां सफदरजंग अस्पताल में रात 11.40 बजे पीडि़ता ने अंतिम सांस ली। सुबह परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया ।
O 95 फीसद जली थी पीडि़ता -
गुरुवार देर शाम 95 फीसद जली अवस्था में पीडि़ता को सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था। पीडि़ता का इलाज कर रहे बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात 11.10 बजे पीडि़ता को दिल का दौरा पड़ा और 11.40 पर सांस टूट गई। इससे पूर्व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने दिन में बताया था कि ऐसे गंभीर मामलों में इलाज बहुत मुश्किल होता है। गुरुवार रात आठ से साढ़े आठ बजे के दौरान पीडि़ता बात कर पा रही थी। वह अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भइया क्या में बच जाऊंगी, मैं जीना चाहती हूं। आरोपितों को छोड़ना नहीं है। इस दौरान उन्हें सांस लेने और बोलने में काफी तकलीफ भी हो रही थी।
O भाई ने कहा, दरिंदों को मिले मौत की सजा -
दिन में मीडिया से बात करते हुए पीडि़ता के भाई ने कहा था कि हैदराबाद में गुनाहगारों को सजा मिल चुकी है। उनकी बहन से दरिंदगी करने वालों को भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। पीडि़ता की मां भी दिल्ली आई थीं, लेकिन वह काफी परेशान हो रही थीं इसलिए घर भेज दिया गया।
O केरोसिन छिड़ककर लगाई थी आग -
25 वर्षीय पीडि़त युवती उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली थीं। पुलिस में दी शिकायत के मुताबिक दो साल पहले शादी का झांसा देकर गांव का ही शिवम रायबरेली ले गया था। वहां शिवम व उसके दोस्त शुभम ने दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया। शुभम को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी, जबकि शिवम नौ माह रायबरेली जेल में रहकर 30 नवंबर को जमानत पर छूटा था। आरोपित लगातार मुकदमा वापसी का दबाव बना रहा था। गुरुवार सुबह पीडि़ता बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। गांव से लगभग तीन सौ मीटर दूर रास्ते में शिवम त्रिवेदी और उसके साथ कुछ लोगों ने रोका और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी और भाग निकले।
O लपटों से घिरी पीडि़ता लगाती रही बचाने की गुहार -
लपटों से घिरी पीडि़ता बचाने की गुहार लगाते हुए आधा किलोमीटर तक दौड़ती रही। अंत में एक गैस एजेंसी के गोदाम के पास तक आते ही वह गिर गई। शोर सुन बाहर निकले गार्ड ने आग बुझाकर यूपी 112 पर सूचना दी। पुलिस युवती को सुमेरपुर सीएचसी ले गई, जहां से उसे जिला अस्पताल और वहां से लखनऊ ले जाकर सुबह साढ़े दस बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में भर्ती कराया गया। लखनऊ से एयर एंबुलेंस के जरिये रात सवा आठ बजे दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। वहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सफदरजंग अस्पताल लाया गया। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
O सभी आरोपित गिरफ्तार -
उसके बयान के आधार पर सभी आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनकी पेशी से पहले हैदराबाद एनकाउंटर होने से उसके दोहराव का खतरा था। इस कारण आरोपित शिवम त्रिवेदी, उसके पिता रामकिशोर, प्रधान पुत्र शुभम त्रिवेदी व हरिशंकर त्रिवेदी और उमेश बाजपेई (पंचायत मित्र) को शुक्रवार सुबह सुमेरपुर सीएचसी में मेडिकल चेकअप कराकर पुलिस बिहार थाने में बैठाए रही। कभी पुरवा कोर्ट तो कभी उन्नाव में पेशी की बातें हुईं। पेशी शाम छह बजे उन्नाव में तब हुई, जब बाकी कोर्ट बंद हो चुकी थीं। इस दौरान सभी चौराहों व नाकों पर पुलिस डटी रही।
O हैदराबाद जैसा इंसाफ -
बेटी के माता-पिता भी हैदराबाद एनकाउंटर जैसा इंसाफ चाहते हैं। कहते हैं, मेरी बेटी भी उन्हीं हालात से गुजरी है। उसके गुनहगारों को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। ऐसा सबक सिखाने से ही हैवानियत रुकेगी। ऐसी कार्रवाई ही वहशियों में खौफ पैदा करेगी।
O पीडि़ता के चाचा को धमकी -
गुरुवार को हैवानियत से पहले मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी ने पीडि़ता के गंगाघाट निवासी चाचा को भी जान से मारने की धमकी दी थी। ऑडियो वायरल होने पर गंगाघाट कोतवाली में डीएम व एसपी ने चाचा से बात की। डीएम ने कहा कि धमकी जैसी बात नहीं है। चाचा के साथ मध्यस्थता का रास्ता निकालने के लिए आरोपित ने एक रिश्तेदार को कहा था। इनकी शुक्रवार को बात होनी थी पर इसके पहले ही घटना हो गई। लालगंज पुलिस सतर्क होती तो शायद दुष्कर्म पीडि़ता बच भी जाती। पीडि़ता ने 2018 में थाने में शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। फिर उन्नाव के बिहार थाना में चार मार्च-2019 को शिवम व शुभम के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई। कोर्ट के आदेश पर लालगंज पुलिस ने भी रिपोर्ट लिखी। 30 नवंबर को शिवम हाईकोर्ट से जमानत पर छूटा, लेकिन लालगंज पुलिस बेखबर रही। शिवम ने साथियों संग गुरुवार तड़के करीब चार बजे उसे जिंदा जलाने की कोशिश कर डाली। पीडि़ता के मजिस्ट्रेट को दर्ज कराए बयान के आधार पर शिवम के पिता रामकिशोर, शुभम के पिता हरिशंकर त्रिवेदी व उमेश बाजपेई को भी आरोपित बना लिया है। इन्हें गुरुवार को ही पकड़ लिया गया था। शुक्रवार को सपाइयों ने पीडि़ता के घर वालों को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। सपाइयों ने शासन से पीडि़त परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता और सुरक्षा देने की मांग की है।
O बरसीं महिला आयोग उपाध्यक्ष
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह पीडि़ता के घर पहुंचीं। पीडि़ता के पिता ने बताया कि भाई को धमकाने और दुकान न लगने देने की धमकी दी जा रही है। इस पर महिला थाना प्रभारी सुनीता चौरसिया पर बरस पड़ीं और बोलीं कि जब पीडि़ता के परिवार से मिलकर बात करने को कहा था तो उसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया। तुम जैसे लापरवाह लोगों के कारण ही ऐसी घटनाएं होती हैं।
O मौत पर बोलीं स्वाति मालिवाल-
उन्नाव रेप पीड़िता की मौत के मामले पर दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा है कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि वे इस मामले में बलात्कारियों को एक महीने के भीतर फांसी दे देनी चाहिए। बता दें कि उन्नाव की रेप पीड़िता जिसे बीते 5 दिसंबर को एयरलिफ्ट के जरिए गंभीर हालत में लखनऊ से दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल लाया गया था, ने शुक्रवार (6 दिसंबर) रात को दम तोड़ दिया। उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय एक युवती को गुरुवार (5 दिसंबर) तड़के जलाये जाने की घटना हुई थी। अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ''हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई।"
Delhi Commission for Women (DCW) chief, Swati Maliwal on the death of Unnao rape victim last night: I appeal to the Uttar Pradesh govt and central govt that the rapists in this case (Unnao rape case) should be hanged within a month. pic.twitter.com/q5mNHP5wX9— ANI (@ANI) December 7, 2019