[TODAY छत्तीसगढ़] / लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने पुलिस जवानों और राज्य सरकार के कर्मचारियों को अब तक की सबसे बड़ी सौगात दी है. सरकार ने पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा की है, वहीं सरकारी कर्मचारियों का डीए भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है. शासकीय कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ एक मार्च से मिलेगा जो अप्रैल 2019 के वेतन में जुड़कर मिलेगा।
पुलिस कर्मियों और उनके परिवार की मांगे मंजूर -
राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार में राज्य के पुलिस परिवार ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर व्यापक धरना प्रदर्शन किया था। पुलिस परिवार के उस आंदोलन को विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने अपना खुला समर्थन दिया था। पुलिस परिवार की जो प्रमुख मांगे थी वो -
1. राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं.
2. राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए.
3. शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में सायकल भत्ता दिया जा रहा है,उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 3000 रुपये दिया जाए.
4. पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए.
5. ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के 1 सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.
6. अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए.
7. अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाए.
8. अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8 घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए.
9. नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाये.
10. मध्य प्रदेश पुलिस की तरह वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए,पुलिस जवान को उसके सेवाकाल में कम से कम तीन प्रमोशन अनिवार्य रूप से किए जाएं.
11. छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारियों के ग्रेड-पे में अंतर है,पटवारी का ग्रेड पे 2400 ,नर्सिंग स्टाफ का ग्रेड-पे 2800 और आरक्षकों का ग्रेड-पे 1900 है,पुलिस जवानों का ग्रेड-पे भी 2800 होना चाहिए .
पुलिस कर्मियों और उनके परिवार की मांगे मंजूर -
राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार में राज्य के पुलिस परिवार ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर व्यापक धरना प्रदर्शन किया था। पुलिस परिवार के उस आंदोलन को विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने अपना खुला समर्थन दिया था। पुलिस परिवार की जो प्रमुख मांगे थी वो -
1. राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं.
2. राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए.
3. शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में सायकल भत्ता दिया जा रहा है,उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 3000 रुपये दिया जाए.
4. पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए.
5. ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के 1 सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.
6. अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए.
7. अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाए.
8. अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8 घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए.
9. नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाये.
10. मध्य प्रदेश पुलिस की तरह वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए,पुलिस जवान को उसके सेवाकाल में कम से कम तीन प्रमोशन अनिवार्य रूप से किए जाएं.
11. छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारियों के ग्रेड-पे में अंतर है,पटवारी का ग्रेड पे 2400 ,नर्सिंग स्टाफ का ग्रेड-पे 2800 और आरक्षकों का ग्रेड-पे 1900 है,पुलिस जवानों का ग्रेड-पे भी 2800 होना चाहिए .