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'रोजी स्टर्लिंग' की मेजबानी के लिए बिलासा नगरी तैयार



[TODAY छत्तीसगढ़] /  रोजी स्टर्लिंग ने एक बार फिर से बिलासपुर के पक्षी मित्रों को मेजबानी का मौक़ा दिया है। इस बार बेलमुुंडी(सकरी) में तालाब के किनारे पड़ाव डालने की बजाय वे सीधे शहर में ही डेरा जमा चुके हैं। रोजी स्टर्लिंग यानी गुलाबी मैना की लयबद्ध उड़ान का एयरशो शाम होते ही शहर के वाशिंदों और पक्षी मित्रों को लुभाने लगा है। इनकी उपस्थिति से शहर की फिजां बदल सी गई है। रोजी स्टर्लिग छोटे आकार का परदेसी पंछी है। हजारों की संख्या में जब यह एक साथ उड़ान भरते हैं, तो ये आपस में नहीं टकराते। समन्वय की अनूठी मिसाल पेश करने वाले ये पंछी अपने खूबसूरत नृत्य और कलाबाजियों के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 
यूरोप से आने वाली रोजी स्टर्लिग विशाल समूहों में रहने वाली नन्ही चिड़िया है। ये आसमान में एकसाथ जब उड़ती हैं तो ऐसा लगता है, जैसे सब मिलकर लयबद्ध नृत्य कर रही हों। घंटों कलाबाजियों के बाद जब ये पेड़ों पर आराम करने बैठते हैं, तो वृक्ष पर पत्तों की बजाय सिर्फ चिड़ियां ही चिड़िया दिखाई देती हैं। हजारों की संख्या में रोजी स्टर्लिंग पहली बार 2013 में बेलमुंडी आए थे। स्वभाव से बेहद संवेदनशील ये पक्षी किसी भी तरह का खतरा होने पर अपना स्थान बदल देते हैं। इस बरस गुलाबी मैना ने बिलासा की नगरी में अपना आशियाँ बनाया है। सीपत रोड स्थित विज्ञान महाविद्यालय के पास इनकी आमद सुबह और शाम देखी जा सकती है।  
               
  

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