बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / रेंज साइबर थाना बिलासपुर को बड़ी सफलता मिली है। ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी बैंक अकाउंट (म्यूल अकाउंट) उपलब्ध कराने वाला मुख्य आरोपी दीपक विश्वकर्मा छह महीने से फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी के विरुद्ध रेंज साइबर थाना में दर्ज 05 मामलों में लगातार जांच चल रही थी।
आरोपी दीपक विश्वकर्मा, पिता रामगोपाल विश्वकर्मा, (उम्र 45 वर्ष) रेलवे में कोच अटेंडर का काम कर रहा था और इसी दौरान वह देशभर में अपने साथियों तक म्यूल बैंक खाते पहुंचाता था। पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। पुलिस के मुताबिक़ वो 06 माह से फरार था।
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने कई व्यक्तियों से 5000–10000 रुपये कमीशन पर बैंक खाते खुलवाए और इन्हें साइबर अपराधियों तक पहुंचाया। आरोपी ने इन खातों का उपयोग— डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, फर्जी बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च स्कैम का इस्तेमाल किया। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि पहले उसने अपने नाम से खाते खुलवाए और बाद में लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते भी साइबर फ्रॉड गैंग को उपलब्ध कराए।
TODAY छत्तीसगढ़ आपसे अनुरोध करता है साइबर ठगों से बचने के लिए 'जागरूक रहें, सतर्क रहें, किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी (OTP, पासवर्ड, बैंक डिटेल) किसी से शेयर न करें', क्योंकि बैंक या पुलिस कभी फोन पर ये जानकारी नहीं मांगते; 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती, और किसी भी ऑफर या धमकी भरे मैसेज को तुरंत ब्लॉक करें और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
