बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि वह चार दशक तक राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे, लोगों को मंदिर निर्माण के लिए प्रेरित करते रहे, लेकिन अयोध्या में मंदिर निर्माण पूर्ण होने और भगवा झंडा फहराए जाने के बाद भी उन्हें किसी कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें कोई नाराजगी नहीं है, बल्कि मंदिर निर्माण पूरा होने की खुशी ही उनके लिए पर्याप्त है।
तोगड़िया ने कहा, “देश के 50 लाख हिंदुओं ने 40 साल तक मेहनत की। उसमें मेरा योगदान भी गिलहरी की तरह रहा। आज मंदिर बन गया, सपना पूरा हो गया। मुझे निमंत्रण क्यों नहीं मिला, यह देने वाले ही बता सकते हैं।”
2014 के बाद उनकी सक्रियता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वे हमेशा सक्रिय रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान लगातार सभाएं और आंदोलन के कारण वे अधिक दिखाई देते थे। उन्होंने बताया कि अब वे पूरे देश के एक लाख गांवों में हनुमान चालीसा पाठ अभियान शुरू कर रहे हैं, जिसे वे अपनी निरंतर सक्रियता का प्रमाण बताते हैं।
हिंदू सुरक्षा के प्रश्न पर तोगड़िया ने कहा कि देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे सुरक्षा की आवश्यकता स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, “पहलगाम में लोग क्यों मारे गए? दिल्ली में ब्लास्ट क्यों हुआ? हिंदुओं को सुरक्षा की जरूरत पहले भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी।”
सामूहिक हनुमान चालीसा के उद्देश्य पर उन्होंने कहा कि जैसे नमाज़ सामूहिक रूप से मस्जिद में पढ़ी जाती है, उसी तरह संगठन की मजबूती के लिए सामूहिक पाठ आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से न केवल धार्मिक गतिविधियाँ होंगी, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में अनाज वितरण और स्वास्थ्य सुविधाएँ देकर सेवा कार्य भी किए जाएंगे, जिससे धर्मांतरण जैसी समस्याओं पर रोक लगाई जा सके।
लव जिहाद और धर्मांतरण पर पूछे गए सवाल पर तोगड़िया ने कहा कि यह चुनौती अब भी मौजूद है, इसलिए हनुमान चालीसा केंद्रों के जरिए समाज को संगठित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य देश में हिंदू समाज की सेवा और संगठन को मजबूत करना है।
