इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बयान जारी करने के बाद बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने देर रात ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ फेक न्यूज और धार्मिक भावना भड़काने के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें मोहम्मद जुबैर (को फाउंडर ALT न्यूज), राना अयूब (वरिष्ठ पत्रकार, गुजरात फाइल्स की लेखक), द वायर (न्यूज वेबसाइट), सलमान निजामी (कांग्रेस नेता), मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता), समा मोहम्मद (कांग्रेस प्रवक्ता), सबा नकवी (वरिष्ठ पत्रकार), ट्विटर Inc और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि एफआईआर में जो आरोपी शामिल हैं वे वरिष्ठ पत्रकार और नेता हैं। इन्होंने जानबूझकर बिना किसी तथ्यों की जांच व सत्यापन किए झूठी, भ्रमित करने वाली और गलत सूचना पोस्ट की। इनका उद्देश्य दो धार्मिक संप्रदाय के लोगों के बीच शत्रुता, नफरत पैदा करना था।
एफआईआर में लिखा गया कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट्स डिलीट नहीं किए जिसके कारण धार्मिक तनाव बढ़ा है। इसके अलावा ट्विटर इंडिया और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (TCIPL) की ओर से भी उन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 ए, 295ए, 505, 120 बी, और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि मामले की प्रारंभिक जांच में यह मिला कि जिन शरारती तत्वों ने घटना को अंजाम दिया वे पीड़ित के ही परिचित थे। पीड़ित ने उन्हें ताबीज बेचे थे और सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। जब उन ताबीजों ने काम नहीं किया तो शरारती तत्वों ने गुस्से में पीट दिया। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
#FactCheck : 'फर्जी ताबीज' देने की वजह से हुई थी गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई, झूठा निकला 'जय श्रीराम' वाला ऐंगल@myogiadityanath @myogioffice @Uppolice @RahulGandhi @ghaziabadpolice @shalabhmani
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रिपोर्ट: @VGTtweets pic.twitter.com/YILa7bXL8z
जानिए क्या है पूरा मामला -
सोमवार को गाजियाबाद से एक बुजुर्ग शख्स का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग शख्स मारने वालों के आगे हाथ जोड़ रहा है लेकिन वो उसकी नहीं सुन रहे। आरोपी, बुजुर्ग की पिटाई करते जा रहे हैं। घटना का वीडियो वायरल हुआ तो मंगलवार को पीड़ित का एक और वीडियो ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने पीड़ित से धर्म विशेष के नारे लगवाए। इसे माहौल बिगाड़ने की साजिश मानते हुए पुलिस ने वीडियो वायरल करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना के बार में जानकारी देते हुए कहा, 'सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आए थे। जहां से एक दूसरे शख्स के साथ परवेश गुज्जर के घर बंथला, लोनी गए थे।' पुलिस ने आगे बताया कि परवेश के घर पर बाकी लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद वगैरह आ गए और परवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग से मारपीट शुरू कर दी।
प्रभु श्री राम की पहली सीख है-"सत्य बोलना" जो आपने कभी जीवन में किया नहीं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 15, 2021
शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं।
सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें। pic.twitter.com/FOn0SJLVqP
राहुल के ट्वीट पर योगी का निशाना -
इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच भी ट्विटर पर गहमागहमी हो गई। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, 'मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।' इस पर सीएम योगी ने पलटवार करते हुए लिखा था, 'प्रभु श्री राम की पहली सीख है-सत्य बोलना जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।'
मैं ये मानने को तैयार नहीं हूँ कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 15, 2021
ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। pic.twitter.com/wHzMUDSknG