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गलवान घाटी में शहीद गणेश कुंजाम का स्मारक नहीं बन सका, एक साल बीत जाने के बाद बस्तर से आई आवाज़

यह तस्वीर 18 जून 2020  है। भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए गणेश कुंजाम का पार्थिव शरीर 18 जून 2020 को राजधानी लाया गया था तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह ने श्रद्धाजंलि अर्पित की. सीएम ने शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये और गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखे जाने की घोषणा की थी .

TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर / लद्दाख स्थित गलवान घाटी में हुई हिंसा को आज (मंगलवार) एक साल पूरा हो गया है. पिछले साल 14-15 जून की दरमियानी रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस हिंसक झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे. गलवान हिंसा के शहीदों में छत्तीसगढ़ के कांकेर [बस्तर] का भी वीर सपूत शामिल था। कांकेर के गणेश कुंजाम को आज राज्य में कितने लोगों ने याद रखा बड़ा सवाल है। 

इधर गलवान घाटी में हुई हिंसा में शहीदों को याद करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से ट्वीटर के माध्यम से एक आवाज निकली है। बस्तर टॉकीज के नाम से ट्वीटर हैंडिल को संचालित करने वाले शख्स ने गणेश कुंजाम को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लिखा है कि 'एक साल बीत गए गणेश को सीमा में शहीद हुए,आज तक एक स्मारक नहीं बनवा पाए। बॉर्डर पर जवान शहीद होता है तो दो दिन पूरा देश नतमस्तक हो जाता और धीरे धीरे सब भुला दिया जाता है।'   TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

                                            
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