छत्तीसगढ़ की गौरव, बस्तर की बेटी पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ द्वारा विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 3, 2021
मैं नैना के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
नैना ने अपने दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति तथा अदम्य साहस से यह कर दिखाया है।🇮🇳 pic.twitter.com/yaTUOfVYRk
आज छत्तीसगढ़ की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह कर राज्य के नाम को कई गुना और गौरवान्वित कर दिया है।
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) June 2, 2021
दुनिया के सबसे उच्चतम शिखर पर कदम रखने वाली राज्य की पहली महिला पर्वतारोही के खिताब के लिए उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/vozpuZ76Qx
याशी ने रखी थी नजर -
जबकी पर्वतारोही नैना धाकड अपने एक्सपिडीसन को पूरा करने की तैयारी कर रही थी और याशी काठमांडू से लगातार पर्वतारोही नैना के एक्सपीडिशन पर नजर रख रही थी. एक जून की सुबह नैना का एक्सपिडीसन पूर्ण हो जाना था और टॉप पर पहुंच जाना था, परंतु दोपहर तक जब कोई उसकी कोई खबर नहीं आई तो याशी चिंतित हो गई और नैना की कंपनी से लगातार संपर्क की कोशिश करने लगी. बड़ी मुश्किल से लगभग दोपहर दो बजे याशी को पता चला कि नैना अत्यधिक थकान के कारण बीमार हो गई है और माउंट एवरेस्ट से नीचे आने की हिम्मत नहीं कर कर पा रहीं हैं.इस तरह की मदद
ऐसे मे याशी ने हिम्मत जुटाई और तुरंत छत्तीसगढ़ के प्रथम माउंट एवरेस्टर राहुल गुप्ता (अंबिकापुर) और अपने पिता अखिलेश जैन (रायगढ़) से संपर्क साधा और विनती की "प्लीज कुछ करो नैना की जान बचाओ". तुरंत ही जगदलपुर प्रशासन से संपर्क साधा गया. फिर जगदलपुर कलेक्टर रजत बंसल और एस डी एम गोकुल राऊते को पूरी घटना की जानकारी दी. उन्होने तुरंत नेपाल स्थित इंडियन एम्वेसी से बात की और संबंधित कंपनियों से सम्पर्क साधा. प्रशासन के हरकत मे आते ही तुरंत नैना के लिये रेस्क्यू आपरेशन शुरू हो गया और वहां के एक्सपर्ट शेरपा नैना को रेस्क्यू करने ऊपर बढ़ गए. शाम छह बजे तक नैना को रेस्क्यू करके कैंप चार तक ले आया गया था और अब वह आउट ऑफ डेंजर हैं. पर्वतारोही याशी की तत्परता और सह्रदयता से पर्वतारोही नैना का रेस्क्यू सफल हो सका.