TODAY छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को सारकेगुड़ा प्रकरण पर कहा कि इस प्रकरण पर न्यायिक जांच आयोग का प्रतिवेदन मिल गया है। इस प्रकरण पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी । मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए पिता की जाति के आधार पर नवजात को जाति प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। जिन निर्दोष लोगों को झूठे मामलों, मुकदमों में फसाया गया था उन्हें न्याय दिलाने के लिए जस्टिस पटनायक आयोग काम कर रहा है।
श्री बघेल ने कहा कि सारकेगुड़ा में न्यायिक जांच आयोग का प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है, जिसके आधार पर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बस्तर, सरगुजा आदिवासी प्राधिकरण में विधायकों को प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘ महाभियान की चर्चा करते हुए कहा कि नरवा योजना में नालों के साथ हर तरह के जलाशयों को बचाना है। नदी, नाले, झील, तालाब, कुएं और ऐसी हर संरचना जिससे बारिश का पानी बहने से रूके, भू-जल की रिचार्जिंग हो, नए जल स्त्रोत मिलें, ऐसे सारे उपाय किए जा रहे हैं। बस्तर की जीवनदायिनी नदी इन्द्रावती को बचाने के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की बागडोर सम्हालते ही सबसे बड़ा फैसला लोहण्डीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस करने का था। अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी से गैर-आदिवासी को भूमि क्रय करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पूर्व में इस प्रकार के जो अंतरण हुए हैं, उनमें भी न्याय दिलाने की पहल की गई है और आदिवासी भूमिस्वामी को पुन: अधिकार दिए गए हैं। अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का पूर्णत: संरक्षण किया जा रहा है। पेसा कानून के अंतर्गत ग्राम सभा की महती भूमिका है। ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही सभी शासकीय, अशासकीय भू-अर्जनों की कार्यवाही की जा रही है।