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इंजीनियरिंग के छात्र ने बस कंडक्टर का गला काटा, पुलिस पर भी फायरिंग

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प्रयागराज {उत्तर प्रदेश} सिविल लाइंस से करछना जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा में यात्रा कर रहे इंजीनियरिंग के एक छात्र और बस कंडक्टर के बीच किराए को लेकर विवाद हो गया . विवाद इतना बढ़ गया की  छात्र लारेब हाशमी ने बस कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा पर धारदार चापड़ से हमला कर दिया.सवाल अब ये भी उठ रहा है कि छात्र धारदार हथियार साथ रखकर बस में किस मकसद से यात्रा कर रहा था ? 
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 प्रयागराज ।   TODAY छत्तीसगढ़  /  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. चलती बस में एक युवक ने बस कंडक्टर पर चापड़ से हमला कर दिया और बस से उतरकर फरार हो गया. घायल बस कंडक्टर को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर उसका इलाज चल रहा है. वहीं आरोपी इंजीनियरिंग के छात्र ने हमला करने के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो भी जारी किया है. 

जानकारी के मुताबिक, जारी एक वीडियो में आरोपी ने कंडक्टर पर हमले की वजह बताई है. इन सबके बीच पुलिस ने जब आरोपी युवक को अरेस्ट किया. घटना में इस्तेमाल हुए हथियार को रिकवर करने के लिए जब ले गई तो वहीं पर आरोपी इंजीनियरिंग के छात्र ने पुलिस पर फायर कर दिया जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाई जिससे आरोपी युवा के पांव में गोली लग गई. आरोपी को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर उसका इलाज चल रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

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सलाखों को फरार IPS का इंतज़ार, 60 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति होगी कुर्क

TODAY छत्तीसगढ़  / प्रयागराज / उत्तर प्रदेश के महोबा के क्रशर कारोबारीकी मौत के मामले में भगोड़े चल रहे IPS मणिलाल पाटीदार की करीब 50-60 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी हो गई है. IPS पाटीदार पर पहले से ही एक लाख का इनाम घोषित है और वो पिछले 8 महीने से फरार चल रहे हैं. बता दें कि एक महीने के भीतर पाटीदार को कोर्ट के सामने हाजिर होना था, लेकिन वो नहीं हुए. तो सोमवार रात उनके खिलाफ SIT के विवेचक प्रयागराज SP क्राइम आशुतोष मिश्रा की तहरीर पर धारा 174 A के तहत कबरई थाने में केस दर्ज किया गया है.

राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले मणिलाल पाटीदार साल 2014 बैच के IPS अफसर हैं. लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण की अदालत ने मणिलाल पाटीदार के खिलाफ वारंट जारी कर रखा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज के स्तर से एसआईटी तक गठित है. 

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पुलिस खगाल रही है नामी और बेनामी संपत्तियां

मणिलाल पाटीदार के फरार होने के बाद प्रयागराज पुलिस ने उनकी नामी और बेनामी संपत्तियों को खगांलना शुरू कर दिया है. अब तक की खोजबीन में पता चला है कि मणिलाल पाटीदार ने राजस्थान में अपने पिता राम जी पाटीदार के नाम से फ्लैट खरीदा है. इसके अलावा दुकान मकान समेत तीन अन्य संपत्तियों का भी पता चला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक मणिलाल पाटीदार की कुल 5 संपत्तियों को चिन्हित किया जा चुका है, जो राजस्थान में हैं. इस संपत्ति की बाजार में कीमत तकरीबन 50-60 करोड़ के आसपास है. पुलिस अब इन्हें कुर्क करने की योजना में है. जल्द ही पुलिस कोर्ट में अर्जी देकर संपत्तियों को कुर्क करेगी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी

मणिलाल पाटीदार की गिरफ्तारी न होने पर मई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी. जिसके बाद महोबा जिले से तीन और प्रयागराज जिलें से दो टीमों को भगोड़े आईपीएस की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है. जिसमें एसटीएफ की भी टीम शामिल है. हैरानी की बात है कि पांच-पांच टीमों के लगे होने के बावजूद अभी तक भी फरार आईपीएस की सुरागकसी तक नहीं हो पाई है. पुलिस की टीम पाटीदार को राजस्थान तक खोज कर वापस आ चुकी है.

सभी संपत्तियों को चिन्हित कर कार्रवाई होगी

एसपी क्राइम प्रयागराज आशुतोष मिश्रा का कहना है कि फरार अभियुक्त की तलाश में टीमें लगी है. वहीं आरोपी की सारी संपत्तियों को चिन्हित करने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया भी की जाएगी.

IPS मणिलाल हैं आत्महत्या केस का मुख्य आरोपी

महोबा जिले के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी. करीब 5 दिन तक कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के बाद उनकी 13 सितंबर 2020 को मौत हो गई. इससे पूर्व 7 सिंतबर 2020 को इंद्रकांत ने एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए खुद की हत्या की आशंका जताई थी. आरोप लगाया था कि पाटीदार ने कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी दी थी. इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व SP मणिलाल पाटीदार, कबरही थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र और कांस्टेबल अरुण और दो अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.

                                                  

कोरोना: गंगा किनारे रेत में दबाए गए शवों को परंपरा का हिस्सा बताना कितना सही ?

 
TODAY छत्तीसगढ़  / समीरात्मज मिश्र, बीबीसी / प्रयागराज में गंगा किनारे कुछ जगहों पर रेत में दफ़न सैकड़ों शवों की तस्वीरें और वीडियो जब देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन चुके थे, इन सैकड़ों मौतों पर सवाल खड़े हो रहे थे तो पिछले हफ़्ते शहर में मौजूद राज्य सरकार के मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह इसे 'प्रयागराज की पुरानी परंपरा' बताया.

कुंभ: मकर संक्रांति से मौनी अमावस्या के बीच करोड़ों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

[TODAY छत्तीसगढ़] / प्रयागराज में सोमवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. स्नान का महा पावन पर्व होने के कारण स्नानार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. दरअसल सोनवार को कुंभ मेले का सबसे पवित्र स्नान सोमवती मौनी अमावस्या का पर्व है. कुंभ में मकर संक्रांति से लेकर मौनी अमावस्या के बीच अपरान्ह 5 बजे तक लगभग 12.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है.
गौरतलब है कि आस्था के इस कुंभ पर्व की शुरुआत 14 जनवरी 2019 से प्रारंभ हुआ है. तब से लगातार प्रतिदिन करोड़ो की संख्या में स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और साधु-संत संगम स्नान किया जा रहा है. मेला प्रशासन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जनवरी से 2 फरवरी 2019 तक विभिन्न स्नान पर्वों पर तथा नित्य लगभग 7.49 करोड़ लोगों ने स्नान किया है. 03 फरवरी से 04 फरवरी 2019 तक सायं 5 बजे तक लगभग 5 करोड़ लोगों ने इस सोमवती मौनी अमावस्या पर स्नान किया है.  गौरतलब है कि मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस बार सोमवार को मौनी अमावस्या पड़ी है. इसलिये इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जा रहा है. इस दिन मौन रहकर स्नान किया जाता है. जिसके चलते इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक सोमवती अमावस्या के पर्व पर स्नान कर दान पुण्य करने का विशेष महत्व है.

विहिप बोली - मंदिर हम ही बनाएंगे, तो शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर निर्माण के लिए तारीख का ऐलान कर दिया

[TODAY छत्तीसगढ़] / कुंभनगरी प्रयागराज में द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में चली तीन दिवसीय परम धर्म संसद ने बुधवार को धर्मादेश जारी कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तारीख का ऐलान कर दिया. यह धर्मादेश प्रयागराज में ही विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में होने वाली धर्म संसद के एक दिन पहले आया है. वीएचपी की धर्म संसद से पहले जारी इस धर्मादेश से साधु-संतों के बीच राम मंदिर निर्माण को लेकर धर्मायुद्ध छिड़ने की संभावना है.
21 फरवरी को होगा शिलान्यास -
कुंभक्षेत्र के सेक्टर 9 में तीन दिनों तक चली परम धर्म संसद के आखिरी दिन राम मंदिर को लेकर विस्तृत चर्चा के बाद धर्मादेश जारी हुआ. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा जारी धर्मादेश में कहा गया है कि बसंत पंचमी के स्नान के बाद संत समाज अयोध्या के लिए कूच करेगा. और 21 फरवरी को राम मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के बलिदान देने का वक्त आ गया है. कोर्ट के फैसले में अभी और देर होनी है, लिहाजा संत समाज शांतिप्रिय ढंग से रामाभिमानी सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत अयोध्या कूच करेगा. अगर उन्हें रोका गया तो वे गोली खाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
विहिप बोली-मंदिर हम ही बनाएंगे 
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में हुई धर्म संसद के धर्मादेश पर प्रतिक्रिया देते हुए वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि जिस धर्म संसद ने राम मंदिर के मामले को इस मुकाम पर पहुंचाया कि आज वो सेंटरस्टेज पर है, उस धर्म संसद की बैठक आज होनी है. उन्होंने पूछा आखिर वे मंदिर निर्माण कहां करेंगे? न उनके पास जमीन है और न ही वे किसी जमीन के अधिकारी हैं. वे कुछ नहीं कर पाएंगे. सुरेंद्र जैन ने कहा कि राम मंदिर निर्माण वीएचपी की अगुवाई वाली धर्म संसद ही करेगी क्योंकि हमने इसके लिए संघर्ष किया है. जैन ने परम धर्म संसद द्वारा जारी धर्मादेश में साजिश की आशंका जताई.
सरकार का SC ने अहम कदम -
गौरतलब है कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण पहल करते हुए अयोध्या में विवादित स्थल के आसपास की 67.390 एकड़ गैर- विवादित जमीन मालिकों को लौटाने की अपील की. केंद्र सरकार के इस कदम का विश्व हिंदू परिषद ने स्वागत किया. क्योंकि उसे लगता है कि इसके जरिए विवादित स्थल पर फैसला आने से पहले, कम से कम इसके आसपास के इलाकों में मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तो शुरू की ही जा सकती है. लेकिन सरकार के इस कदम को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई वाली धर्मसंसद ने ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया. शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राम मंदिर वहीं बनना जहां रामलला विराजमान हैं, न कि उसके इर्द गिर्द बनना है.
जाहिर है गुरुवार से वीएचपी की अगुवाई में शुरू होने वाली धर्म संसद में केंद्र सरकार के कदम के संज्ञान में राम मंदिर निर्माण की रणनीति पर भी चर्चा होगी. लेकिन एक बात तय है कि परम धर्म संसद में मंदिर निर्माण की तारीख के ऐलान से वीएचपी की धर्म संसद से पहले संत समाज में दो फाड़ हो गया है. राम मंदिर निर्माण को लेकर संत समाज आज ही नहीं बंटा. इससे पहले भी दिल्ली में वीएचपी की अगुवाई में धर्मसभा का आयोजन हुआ था जिसमें सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का धर्मादेश जारी किया गया.
दो फाड़ हुआ संत समाज - 
लेकिन इस धर्मसभा के कुछ ही दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में परम धर्मसंसद का आयोजन किया गया. इस धर्मसंसद में मंदिर निर्माण को लेकर उचित कदम नहीं उठाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की गई. जबकि मंदिर निर्माण के लिए आंदोलनरत संतों के साथ दुर्व्यवहार की भर्त्सना की गई. अब एक बार फिर संत समाज का वही धड़ा आमने-सामने है. जिसमें शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने तारीख का ऐलान कर मंदिर निर्माण की दिशा में एक बड़ी लकीर खीच दी है. अब देखना होगा कि वीएचपी की अगुवाई वाला संत समाज का धड़ा इसके जवाब किस तरह की रणनीति अख्तियार करता है? इनपुट - आजतक 

प्रयागराज में आस्था का जनसमुंद्र, योगी ने दी बधाई

[TODAY छत्तीसगढ़] / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि पहले शाही स्नान के अवसर पर कुंभ मेला क्षेत्र सहित प्रयागराज में सवा दो करोड़ लोग आए जो एक बड़ा रिकॉर्ड है। उन्होंने प्रयागराज कुंभ में मकर संक्रांति के अवसर पर पहले शाही स्नान के सकुशल संपन्न होने पर सभी संतो धर्माचार्य तथा श्रद्धालुओं का साधुवाद किया। उन्होंने कहा की आस्था और श्रद्धा का यह आयोजन सभी के सहयोग से सकुशल संपन्न हुआ इस पुनीत कार्य में अखाड़ों साधु महात्माओं तीर्थयात्रियों के सहयोग के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।
उन्होंने मेला प्रशासन सहित व्यवस्था एवं सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों, संस्थाओं, संगठनों आदि के प्रयासों की सराहना करते हुए यह अपेक्षा भी की है कि जिस लगन और निष्ठा से इन्होंने मंगलवार को अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, उसी प्रकार सम्पूर्ण मेला अवधि में भी करते रहेंगे। गौरतलब है कि मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी को कुंभ मेले का आगाज हुआ है और यह पवित्र आयोजन चार मार्च को समाप्त हो जाएगा। संयोग से उस दिन महा शिवरात्रि भी होगी।

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