[TODAY छत्तीसगढ़] / प्रयागराज में सोमवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. स्नान का महा पावन पर्व होने के कारण स्नानार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. दरअसल सोनवार को कुंभ मेले का सबसे पवित्र स्नान सोमवती मौनी अमावस्या का पर्व है. कुंभ में मकर संक्रांति से लेकर मौनी अमावस्या के बीच अपरान्ह 5 बजे तक लगभग 12.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है.
गौरतलब है कि आस्था के इस कुंभ पर्व की शुरुआत 14 जनवरी 2019 से प्रारंभ हुआ है. तब से लगातार प्रतिदिन करोड़ो की संख्या में स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और साधु-संत संगम स्नान किया जा रहा है. मेला प्रशासन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जनवरी से 2 फरवरी 2019 तक विभिन्न स्नान पर्वों पर तथा नित्य लगभग 7.49 करोड़ लोगों ने स्नान किया है. 03 फरवरी से 04 फरवरी 2019 तक सायं 5 बजे तक लगभग 5 करोड़ लोगों ने इस सोमवती मौनी अमावस्या पर स्नान किया है. गौरतलब है कि मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस बार सोमवार को मौनी अमावस्या पड़ी है. इसलिये इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जा रहा है. इस दिन मौन रहकर स्नान किया जाता है. जिसके चलते इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक सोमवती अमावस्या के पर्व पर स्नान कर दान पुण्य करने का विशेष महत्व है.
गौरतलब है कि आस्था के इस कुंभ पर्व की शुरुआत 14 जनवरी 2019 से प्रारंभ हुआ है. तब से लगातार प्रतिदिन करोड़ो की संख्या में स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और साधु-संत संगम स्नान किया जा रहा है. मेला प्रशासन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जनवरी से 2 फरवरी 2019 तक विभिन्न स्नान पर्वों पर तथा नित्य लगभग 7.49 करोड़ लोगों ने स्नान किया है. 03 फरवरी से 04 फरवरी 2019 तक सायं 5 बजे तक लगभग 5 करोड़ लोगों ने इस सोमवती मौनी अमावस्या पर स्नान किया है. गौरतलब है कि मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस बार सोमवार को मौनी अमावस्या पड़ी है. इसलिये इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जा रहा है. इस दिन मौन रहकर स्नान किया जाता है. जिसके चलते इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक सोमवती अमावस्या के पर्व पर स्नान कर दान पुण्य करने का विशेष महत्व है.