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भाजपा प्रदेश प्रभारी की PC : डी पुरंदेश्वरी बोलीं- 2023 का चुनाव विकास के मुद्दे पर होगा

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने रविवार को आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण ट्राइबल कल्चर पर आक्रमण है। सुश्री पुरंदेश्वरी ने भूपेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है, और कहा कि वर्ष-2023 में भाजपा की सरकार बनेगी। चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पार्टी तय करेगी। 

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सुश्री पुरंदेश्वरी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पार्टी के मोर्चा, प्रकोष्ठ और विभागों की समीक्षा की गई है। पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी दी गई है। मिशन 2023 में सत्ता में आने तक लड़ाई जारी रहेगी। हम सत्ता में आएंगे। केंद्र की मोदी सरकार गरीबों को ध्यान में रखकर काम करती आई है।

 उन्होंने भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, और कहा कि जो खुद अपने पार्टी के सहयोगी के साथ न्याय नहीं कर सकते, वह दूसरों के साथ कैसे न्याय कर पाएंगे। खाद की कमी को लेकर केंद्र पर राज्य सवाल उठाता है, लेकिन राज्य ने ठीक तरह से केंद्र से डिमांड नहीं की।

 पुरंदेश्वरी ने कहा कि चुनाव के दौरान बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था। लेकिन अब तक नहीं दिया गया। यह प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। गरीबों को करीब 7 लाख घर देना बाकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला सुरक्षा के वादे के साथ आई थी, लेकिन सरकार बनने के बाद महिला अत्याचार में बढ़ोत्तरी हुई है। भाजपा गरीबों के लिए काम कर रही है। राज्य में धर्मांतरण के मामले आदिवासी इलाकों में बढ़े हैं। 

एक सवाल के जवाब में प्रदेश प्रभारी ने कहा कि हम राज्य में अगले चुनाव में विकास के मुद्दे पर जाएंगे। सरकार बनने पर पार्टी चेहरा तय करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी वर्ग को प्राथमिकता दी। महिलाओं को प्राथमिकता दी है।  

मोदी सरकार के गलत फैसलों के साथ आर्थिक कुप्रबंधन से भारतीय और ज्यादा गरीब हो गए - सुबोध कान्त


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / इस घोर संकट के समय में आसमान छूती कीमतें आम लोगों के जले पर नमक छिड़क रही हैं। असंवेदनशील, बेपरवाह मोदी सरकार ने गंभीर आर्थिक मंदी के दौरान भी देशवासियों को आसमान छूती कीमतों के बोझ के नीचे दबा दिया है। देशवासियों के हाथों में नकद धनराशि पहुंचाने की बजाय भाजपा सरकार उन्हें अपनी जरूरत के सामान के लिए ज्यादा मूल्य चुकाने को मजबूर कर रही है। ये बातें आज राजधानी रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कही। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। 

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श्री सहाय ने कहा कि यूपीए की पिछली सरकार ने बड़ी मेहनत से 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था, लेकिन वर्तमान सरकार ने उसकी सारी मेहनत पर पानी फेरते हुए 23 करोड़ लोगों को वापस गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया। अकेले अप्रैल और मई महीने में 2 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं, 97 प्रतिशत लोगों को आज कम वेतन मिल रहा है। नौकरी खोने और कम वेतन मिलने के चलते देशवासियों को रिटायरमेंट के लिए बचाकर रखे गए अपने प्रॉविडेंट फंड में से लगभग 1.25 लाख करोड़ रु. निकालने पर मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने मोदी सरकार के फैसलों की आलोचना करते हुए कहा कि जिस समय जीडीपी वृद्धि दर कम होती जा रही हो, ऐसे में सरकार द्वारा मूल्यों में वृद्धि एक जघन्य कृत्य है और इस आर्थिक बर्बादी का कारण केवल कोरोना नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था पर महामारी का साया पड़ने से पहले ही अनेक विपत्तियां आ चुकी थीं- हमारी वृद्धि दर वित्तवर्ष 2017 में 8.2 प्रतिशत से घटकर वित्तवर्ष 2020 में 4.1 प्रतिशत रह गई, यह सब कुछ भयावह नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण तरीके से लागू की गई जीएसटी एवं मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण हुआ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोल की कीमतें इतिहास में पहली बार देश के सभी 4 मेट्रो और देश के अन्य 250 से अधिक शहरों में 100 रु. को पार कर गई है। उन्होंने तथ्य देते हुए कहा 1 अप्रैल 2021 से 12 जुलाई 2021 के बीच पेट्रोल एवं डीज़ल की कीमतें 66 बार बढ़ाई गईं। जबकि मोदी सरकार ने अपने शासनकाल के पिछले 7 सालों में एक्साईज़ ड्यूटी से 25 लाख करोड़ रु. से ज्यादा का मुनाफा कमाया। पिछले 7 सालों में पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी में 247 प्रतिशत एवं डीज़ल पर 794 प्रतिशत वृद्धि की गई। पेट्रोल पर एक्साईज़ में प्रति लीटर वृद्धि पिछले 7 सालों में 23.42 रु. प्रति लीटर और डीज़ल पर 28.24 रु. प्रति लीटर की गई। 

उन्होंने बताया साल 2014-15 में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज़ ड्यूटी से अर्जित आय 1,72,000 करोड़ रु. थी, जिसे 2020-21 में बढ़ाकर 4,53,000 करोड़ रु. कर दिया है। भारत सरकार पेट्रोल की बिक्री से 32 रु 90 पैसे प्रति लीटर वसूल करती है, जिसमें 20 रुपए 50 पैसे सेस के रूप में लिया जाता है। सेस से कमाया गया मुनाफा राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता। इसलिए भारत सरकार पेट्रोल बेचकर जो 62 प्रतिशत मुनाफा कमाती है, उसमें से एक पैसा भी राज्य सरकारों को नहीं मिलता। डीज़ल पर केंद्र सरकार 31 रुपए 80 पैसे प्रति लीटर कमाती है, जिसमें से 22 रु. प्रति लीटर सेस के रूप में लिया जाता है। यानि डीज़ल पर सेस के रूप में भारत सरकार द्वारा कमाए गए 69 प्रतिशत मुनाफे का एक पैसा भी राज्य सरकारों को नहीं मिलता। 

राज्यों में कीमतें कम करने के लिए अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि राज्य सरकारों को अपना वैट कम करना चाहिए। 2020-21 में सभी राज्यों ने मिलकर 2.17 लाख करोड़ रु. वैट के रूप में एकत्रित किए, जो कि राज्य सरकार द्वारा एक्साईज़ के रूप में एकत्रित किए गए 4.53 लाख करोड़ रुपए के मुनाफे का केवल 48 प्रतिशत है। यह बात भी गौरतलब है कि भारत सरकार ने राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा अनुपात में एक्साईज़ शुल्क बढ़ाया है, जिसके कारण महंगाई में अत्यधिक वृद्धि हुई, इसलिए कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई वृद्धि को कम किया जाना जरुरी है। पेट्रोल एवं डीज़ल पर अत्यधिक एक्साईज़ शुल्क के नितांत नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं क्योंकि इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मध्यम आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लोग प्रभावित होते हैं। 

इसी तरह डीज़ल की ऊँची कीमतें किसान-विरोधी भी हैं क्योंकि वो प्रत्यक्ष रूप से डीज़ल के उपभोक्ता हैं और डीज़ल के मूल्यों में वृद्धि का उन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।  उन्होंने दावे के साथ कहा कि पिछली यूपीए सरकार डीज़ल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए डीज़ल पर नुकसान उठाया करती थी, क्योंकि डीज़ल की बढ़ी कीमतों का महंगाई एवं परिवहन की लागत पर सीधा असर पड़ता है। पिछली यूपीए सरकार ने 2013-14 में 1.64 लाख करोड़ एवं 2012-13 में 1.42 लाख करोड़ का अंडर रिकवरी (पेट्रोल को बाजार मूल्य से कम में बेचने से होने वाले नुकसान) वहन की थी, किन्तु मोदी सरकार ने डीज़ल पर अंडर रिकवरी  को सितंबर, 2014 में मूल्यों में वृद्धि करके शून्य कर दिया।

भूपेश सरकार हर मोर्चे पर विफल, ढाई साल का हिसाब दे कांग्रेस सरकार - बृजमोहन

 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर / छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने जनमानस के साथ धोखाधड़ी की है, अराजकता को खुलकर बढ़ावा मिला है। सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल में अपने माथे पर वादा खिलाफी की मुहर भी लगवा ली है। जनता की भावनाओं के साथ विश्वासघात करने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार से हर वर्ग के लोग त्रस्त हो चुके हैं। ये तमाम आरोप राज्य विधानसभा के सदस्य और छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने लगाए हैं। शनिवार को बृजमोहन अग्रवाल बिलासपुर में एक होटल में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार पर वन, भू, रेत, कोयला, शराब जैसे अन्य माफियों को संरक्षण देने की बात भी कही है। 

बिलासपुर सांसद अरुण साव और पूर्व मंत्री रायपुर के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आज भूपेश बघेल सरकार की ढाई साल पूरा होने को लेकर पत्रकारों से चर्चा की और सरकार पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि इस सरकार से छत्तीसगढ़ की जनता जवाब मांग रही है उन्होंने कहा कि कांग्रेश के जन घोषणा पत्र में जो जो भी वादे किए गए थे उसमें क्या-क्या पूरे हुए इसका भी सरकार को जवाब देना चाहिए ।ढाई साल के हिसाब को सरकार जनता के समक्ष रखें ।

                                          

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बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ की यह पहली सरकार है जिसकी ढाई साल में ही उल्टी गिनती शुरू हो रही है भारतीय जनता पार्टी 15 साल तक सत्ता में रही मगर किसी ने नहीं कहा कि भाजपा की सरकार माफिया की सरकार थी ।किसी ने नहीं कहा कि भाजपा की सरकार रेत माफिया, शराब माफिया ,जंगल माफिया ,जमीन माफिया, ड्रग्स माफिया, हाथी माफिया, ट्रांसफर माफिया की सरकार थी मगर वर्तमान सरकार इन सभी माफियाओं की सरकार हो गई है कहा तो यह भी जा रहा है कि पूरी कांग्रेस पार्टी माफिया हो गई है । कोरोना काल के दौरान जब सरकार को दवाई की होम डिलेवरी करनी थी तब उनके द्वारा शराब की होम डिलेवरी की जा रही थी। बृजमोहन ने कहा  भूपेश सरकार का नारा ही बन गया है।घर घर शराब हर घर शराब। प्रदेश में राजस्व का एकमात्र साधन शराब बिक्री रह गया है । इसमे भी 25 प्रतिशत नम्बर 1 की शराब और 75 प्रतिशत नम्बर 2 की शराब प्रदेश में धड़ल्ले से बिक रही है।

सरकार के खजाने में जितनी राशि आती है उससे कहीं ज्यादा माफिया कमा रहे है ।सरकार कंगाल हो चुकी है। सिर्फ ढाई साल के कार्यकाल में ₹40000 करोड़ का कर्ज लिया गया है जबकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 15 साल में 30,000 करोड़ का कर्ज लिया था । इस सरकार से सभी वर्ग के लोग दुखी हैं सरकार को 1 मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। यह सरकार विश्वासघाती और भ्रष्टाचार को समर्पित सरकार है ।जिन लोगों ने सरकार के लिए जन घोषणा पत्र जारी किया वे 17 जून को क्या करेंगे वही जाने ।

                                              
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