बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ /तिफरा क्षेत्र में एक माह पहले मिली अधजली लाश का रहस्य आखिरकार उजागर हो गया है। तकनीकी साक्ष्यों और लगातार की गई गहन जांच के आधार पर सिरगिट्टी पुलिस ने मृतक की पहचान कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एडिशनल एसपी सिटी राजेंद्र जायसवाल ने मंगलवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 7 नवंबर 2025 को होटल ग्रैंड लोटस के पीछे झाड़ियों में एक अज्ञात युवक का अधजला शव मिला था। शव की पहचान में कठिनाई होने पर राज्यभर में इश्तहार जारी किए गए और गुम इंसान रिपोर्ट से मिलान कराया गया।
मामले में तकनीकी जांच बड़ी कुंजी साबित हुई। टावर डंप और मोबाइल विश्लेषण के जरिए मिले नंबर से परिजनों का पता चला। इसके बाद मृतक की पहचान गोपाल (26), पिता मुन्ना कोल, निवासी सेमिया नेवारी, थाना जुगैल जिला सोनभद्र (उत्तरप्रदेश) के रूप में की गई।
शराब पीते-पीते हो गया झगड़ा, बन गई हत्या की वजह
जांच में सामने आया कि घटना के दिन गोपाल तिफरा सब्जी मंडी रोड के पास बैठकर शराब पी रहा था। इसी दौरान वहीं पहुंचे धनेश लोधी उर्फ राजू और अरुण दास मानिकपुरी के साथ उसका शराब पीने के दौरान विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि दोनों ने मिलकर पास में रखे पत्थर से गोपाल पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सबूत मिटाने के इरादे से आरोपियों ने शव और कपड़ों को जला दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके।
CCTV और मुखबिर की मदद से गिरफ्तारी
हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए एसपी बिलासपुर रजनेश सिंह के निर्देश पर सिरगिट्टी, सिविल लाइन, सरकंडा, तारबाहर, ACCU और साइबर सेल की विशेष टीम गठित की गई। CCTV फुटेज, स्थानीय जानकारी और मुखबिरों की मदद से दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जहाँ उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया।
इस मामले में पुलिस ने अरुण दास मानिकपुरी (30 वर्ष) निवासी अभिलाषा परिसर तिफरा (स्थायी पता–बड़े भटली, थाना जरहागांव, मुंगेली) और धनेश लोधी उर्फ राजू (34 वर्ष) निवासी यातायात नगर वार्ड नं. 08, तिफरा को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने की सराहनाबिलासपुर पुलिस के जांबाज जवानों ने अपने थाना प्रभारी किशोर केवट और सी एस पी सिविल लाइन निमितेश परिहार के नेतृत्व में शानदार काम किया है जिसमे सर्वप्रथम जली डेड बॉडी की पहचान करना और फिर human intelligence ( मुखबिर सूचना तंत्र ) से कई संदिग्धों में से आरोपियों की पहचान कर उन पर कई दिनों तक नजर रखा गया । जब उन्हें गिरफ्त में लेकर सिलसिलेवार पूछताछ करने पर पूरे आपराधिक मामले का खुलासा हुआ । बिलासपुर पुलिस के जवानों की इस व्यावसायिक दक्षता से प्राप्त सफलता की सराहना और प्रशंसा की जानी चाहिए , इसके लिए इन्हें मैं बधाई देता हूँ और नगद इनाम से उन्हें पुरस्कृत करता हूँ और इसका अनुकरण करते हुए अन्य अपराधों की जांच भी इसी सक्रियता से सभी को करना चाहिए जिससे बिलासपुर की जनता को न्याय मिल सके ।
