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Short Story: धारीदार सन्नाटा, उस दिन जंगल की चुप्पी अलग थी


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 छत्तीसगढ़  / 
जंगल के दिल में समाई वह संकरी सड़क हमेशा की तरह शांत थी—इतनी शांत कि लगता था पूरी दुनिया अपनी साँसें थामे खड़ी है। पेड़ों की लंबी छायाएँ सड़क पर जाल की तरह फैल रहीं थीं, और हवा में पत्तों, मिट्टी और धूप की मिली-जुली सुगंध तैर रही थी।

इसी रास्ते से रोज़ लौटता था चरवाहा रमू, अपनी काली, भारी भैंसों के साथ। वह इस पगडंडी के हर मोड़, हर उभार को जानता था—मानो यह रास्ता उसके भीतर ही बसा हो। भैंसें भी बिना कहे- सुने उसकी चाल को समझतीं, जैसे वर्षों की संगत ने उन्हें एक ही लय में बाँध दिया हो।

लेकिन उस दिन जंगल की चुप्पी अलग थी।

जैसे हवा कहीं थम गई हो।

जैसे कोई अनदेखी आँखें कहीं पास से देख रही हों।

और फिर, मोड़ के पास अचानक तीन धारीदार बिल्लियाँ सड़क पर प्रकट हुईं।

न शोर, न हलचल।

बस तीन सधी हुई, चिकनी आकृतियाँ—धूप में चमकती धारियों के साथ। उनके कान आगे को तने थे, पूँछें फड़कना भी भूल गई थीं, और उनकी जिज्ञासु आँखें भैंसों के झुंड पर टिकी थीं।

रमू एकदम रुक गया।

भैंसें उसके पीछे सटकर खड़ी हो गईं, जैसे किसी अदृश्य संकेत पर। उनकी साँसों की भारी गूँज उन बिल्लियों की स्थिरता के सामने एक अलग ही संगीत बना रही थी।

कुछ क्षण ऐसे बीते जो समय की पकड़ में नहीं आते—

दो अलग दुनियाएँ आमने-सामने खड़ी थीं।

एक ओर वे बिल्लियाँ—जन्मजात शिकारी—जिन्हें शायद ही कभी ऐसे शांत, संगठित जुलूस का सामना करना पड़ा होगा।

दूसरी ओर रमू और उसका झुंड—आदत, अनुशासन और एक-दूसरे पर भरोसे से बंधा परिवार।

बिल्लियाँ भैंसों को ऐसे देख रही थीं जैसे किसी पहेली को सुलझा रही हों।

क्या ये शिकार हैं?

नहीं।

क्या ये खतरा हैं?

शायद।

या फिर बस एक असामान्य दृश्य—जो जंगल की अपनी दिनचर्या में बाधा डाल रहा है।

रमू के दिल की धड़कनें गूँजने लगीं।

उसे पता था कि ये बिल्लियाँ कुछ भी कर सकती हैं—लेकिन उतना ही यह भी कि भैंसें उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगी।

फिर अचानक, धूप में चमकती उनकी धारियाँ सरक गईं—चुपचाप—जंगल के घने झुरमुटों में वापस।

जैसे वे कभी आई ही न हों।

रमू ने गहरी साँस छोड़ी—एक जो राहत से भरी थी, और एक जो उन रहस्यमयी जंगल-जीवों के प्रति सम्मान से।

उसने धीरे से हाथ हिलाया, और भैंसें फिर चल पड़ीं—सड़क पर, धूप पर, और अपने रोज़ के जीवन की ओर।

सन्नाटा लौट आया, पर वह वैसा नहीं था।

उसमें अब एक कहानी थी—एक असंभव, ठहरी हुई मुठभेड़ की।

और रमू जानता था कि वह इस पल को उम्र भर याद रखेगा—जब जंगल ने एक क्षण के लिए अपने रहस्य उसके सामने खोल दिए थे। 

(साभार - @_planettiger_  credit @harsh_gate_photography)

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