Slider

छत्तीसगढ़: सतनामी समाज पर टिप्पणी के बाद गिरफ़्तार कथावाचक आशुतोष चैतन्य को सशर्त ज़मानत


 बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में सतनामी समाज को लेकर विवादित टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए कथावाचक आशुतोष चैतन्य को अदालत ने सशर्त ज़मानत दे दी है। सोमवार शाम उन्हें बिलासपुर सेंट्रल जेल से रिहा किया गया, जिसके बाद वे सीधे मध्यप्रदेश के डिंडौरी के लिए रवाना हो गए। अदालत ने ज़मानत के साथ स्पष्ट निर्देश दिया है कि आशुतोष चैतन्य भविष्य में किसी भी समुदाय, समाज या वर्ग के प्रति अपमानजनक टिप्पणी नहीं करेंगे और अपने सार्वजनिक व्यवहार में संयम बरतेंगे।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

11 नवंबर को बिलासपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आशुतोष चैतन्य ने सतनामी समाज के बारे में कथित रूप से अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने समाज पर गौ-हत्या जैसे गंभीर आरोप भी लगाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तेज़ी से बढ़ा। अगले दिन बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग तखतपुर थाने पहुँचे। उन्होंने कथावाचक की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए नारेबाज़ी की और थाने का घेराव किया। बढ़ते दबाव के बीच पुलिस ने मामला दर्ज किया और 15 नवंबर को आशुतोष चैतन्य को गिरफ़्तार कर लिया गया।

वीडियो भी बना कार्रवाई का आधार

पुलिस के मुताबिक विवादित बयान न सिर्फ़ कथा के दौरान दिया गया था, बल्कि उसका वीडियो कथावाचक के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद समाज के भीतर व्यापक नाराज़गी फैल गई और कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई।

अब आगे क्या?

ज़मानत मिल जाने के बावजूद अदालत की शर्तें साफ संकेत देती हैं कि आशुतोष चैतन्य को भविष्य में अपने बयानों को लेकर काफी सतर्क रहना होगा। वहीं सतनामी समाज इस मामले की आगे की कानूनी प्रक्रिया पर नज़र बनाए हुए है। छत्तीसगढ़ में यह मामला हाल के दिनों में धर्मगुरुओं के बयानों और सामाजिक संवेदनशीलता पर उठ रही बहसों को एक बार फिर केंद्र में ले आया है।


© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com