
TODAY छत्तीसगढ़ / बिलासपुर, 28 सितम्बर । नवरात्रि का पावन पर्व आते ही पूरे देश में भक्ति और आस्था का माहौल छा जाता है। मंदिरों से लेकर घर-घर तक देवी पूजन की गूंज से पूरा वातावरण आस्था से सराबोर हो जाता है । इस अवसर पर देवी माँ को अर्पित किए जाने वाले फूलों में कमल का विशेष महत्व है। देवी महालक्ष्मी और माँ सरस्वती को कमल प्रिय माना गया है, वहीं माँ दुर्गा की आराधना में भी कमल का पूजन शुभ फलदायी माना जाता है।
इसी कड़ी में यह दृश्य अपने आप में अद्भुत है—तालाब के बीचों-बीच दो व्यक्ति हवा भरे ट्यूब पर बैठकर सावधानी से खिले हुए कमल चुन रहें हैं। चारों ओर पानी की सतह पर तैरते हरे पत्तों के बीच गुलाबी कमल खिले हुए हैं, मानो तालाब खुद देवी माँ के स्वागत में सजा हो। नवरात्रि के दौरान कमल फूलों की मांग अचानक बढ़ जाती है। स्थानीय बाजारों में सुबह-सुबह फूलों से भरी टोकरी सज जाती है और भक्त अपने आराध्य को अर्पित करने के लिए इन फूलों की खरीदारी करते हैं। दुकानों और मंदिरों के आसपास भक्ति गीत गूंजते हैं और वातावरण में पूजा की तैयारी की ख़ुशबू रची-बसी रहती है।
कमल तोड़ने वाले श्रमिकों के लिए यह समय खास होता है। उनकी मेहनत से ही देवी के भक्त अपने पूजन में शुद्ध और ताजे फूल अर्पित कर पाते हैं। यह वीडियो सिर्फ एक व्यक्ति की मेहनत नहीं, बल्कि नवरात्रि के भक्ति-भाव और सांस्कृतिक रंगों को जीवंत करता है।कमल का खिलना और भक्तों तक पहुँचना, प्रकृति और आस्था के बीच का वह सेतु है जो नवरात्रि जैसे पर्व को और भी पावन बना देता है।