
TODAY छत्तीसगढ़ / बिलासपुर, 26 सितम्बर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों और सार्वजनिक सड़कों पर लगातार हो रही स्टंटबाजी, गुंडागर्दी और तलवार से केक काटकर जन्मदिन मनाने जैसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने साफ कहा कि सड़क पर उपद्रव की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने राज्य सरकार और पुलिस को कड़ी चेतावनी देते हुए ऐसे मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट के समक्ष पेश रिपोर्ट में बताया गया कि रायपुर के खरोरा क्षेत्र में युवकों ने हाइवे पर पटाखे जलाते हुए केक काटा, वहीं बिलासपुर रतनपुर बायपास पर कुछ लड़कों ने तलवार से केक काटकर जन्मदिन मनाया। इस दौरान ट्रैफिक जाम और दहशत की स्थिति बनी। पुलिस ने बिलासपुर की घटना में 15 युवकों को हिरासत में लिया, जिनमें 9 नाबालिग हैं। तलवार और वाहन जब्त कर बीएनएस की धारा 126(2), 191(2) व आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत केस दर्ज किया गया है।
कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक और रायपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि वे स्टंट ड्राइविंग और सड़क पर उपद्रव रोकने के लिए अपनाए गए निवारक उपायों, चलाए गए जागरूकता अभियानों और अब तक हुई कार्रवाई का विस्तृत हलफनामा पेश करें। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब्त सभी वाहन अदालत की अनुमति के बिना किसी भी हालत में रिहा नहीं किए जाएंगे और दोषियों के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जानकारी भी कोर्ट में दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले हाईकोर्ट ने बिलासपुर मस्तूरी रोड पर युवकों द्वारा कारों में खतरनाक स्टंट का स्वतः संज्ञान लिया था। उस मामले में पुलिस ने 18 कारें जब्त की थीं, मगर अदालत ने पुलिस की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए मुख्य सचिव से शपथपत्र में जवाब मांगा था।