TODAY छत्तीसगढ़ / नई दिल्ली / उत्तराखंड में 4 महीने के अंदर ही मुख्यमंत्री फिर बदल सकता है। मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat news) के इस्तीफें की चर्चा जोरों पर है।तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को, पिछले चौबीस घंटों के भीतर दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। नड्डा के आवास पर उनसे मुख्यमंत्री की लगभग आधे घंटे की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रावत के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक बाध्यता है। प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें, गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है। चूंकि राज्य में अगले ही साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है और इसमें साल भर से कम समय बचा है, ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि उपचुनाव कराए जाने का फैसला निर्वाचन आयोग के विवेक पर निर्भर करता है।
तमाम अटकलों के बीच उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रावत गढ़वाल क्षेत्र में स्थित गंगोत्री सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री रावत बुधवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे। बृहस्पतिवार को देर रात उन्होंने नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत का इस वर्ष अप्रैल में निधन होने से गंगोत्री सीट रिक्त हुई है जबकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के निधन से हल्द्वानी सीट खाली हुई है। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा नहीं की है ।
उपचुनाव का फैसला आयोग करेगा : रावत
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद सीएम रावत ने कहा कि उपचुनाव का निर्णय चुनाव आयोग को करना है। केंद्र जो भी तय करेगा, हमें उस पर आगे बढ़ना है। रावत ने यह बात राज्य में उपचुनाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही।
It is Election Commission's decision. We will move forward whatever the Centre decides: Uttarakhand Chief Minister Tirath Singh Rawat on Uttarakhand by-poll pic.twitter.com/k1nSUzVkqA
— ANI (@ANI) July 2, 2021