Slider

COVID की फर्जी रिपोर्ट बनवाने वाले दो सिपाही निलंबित

TODAY
 छत्तीसगढ़  /  
कोरबा /  छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की उस घटना को अधिकारियों ने ख़बर प्रसारित होने के बाद काफी गंभीरता से लिया जिसमें शराब की अवैध बिक्री के मामले में पकडे गए दो आरोपियों की फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवाकर उन्हें जेल जाने से बचाने की कोशिश दो बे-गैरत पुलिस कर्मियों ने की थी। फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवाने की एवज में आरोपितों से मोटी रकम ली गई। मामला तब सामने आया जब आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिली तब परिजन शोर-हंगामा मचाने लगे। मामला प्रकाश में आने के बाद दोनों आरक्षक निलंबित कर दिए गए हैं। वहीं इस गंभीर मामले में सहयोगी बने नगर सैनिक मनोज निर्मलकर और टेस्ट सेंटर के कंप्यूटर ऑपरेटर हरजीत सिंह राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  

ये हक़ीक़त कोरबा जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत मानिकपुर पुलिस सहायता केंद्र की है । कोरोना कर्फ्यू के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो लोग शनिवार 21 मई 2021 को मानिकपुर पुलिस के हत्थे चढ़े, पुलिस की गिरफ्त में आये मुकेश सोनी और लहुरा यादव के पास से पुलिस करीब 47 लीटर कच्ची शराब जब्त करती है । पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ़ अवैध तरीके से शराब रखने और बेचने का मामला आबकारी अधिनियम की धाराओं के तहत बनाया और मामला न्यायालय के समक्ष रखने की तैयारी की । इस दौरान वहां मौजूद दो पुलिस जवान जिनका नाम योगेश और दूसरे का कोई त्रिपाठी बताया जा रहा है उन्होंने कच्ची शराब की अवैध बिक्री के मामले में पकड़े गए आरोपियों से जेल न जाने की तरक़ीब बताकर सौदेबाजी शुरू कर दी । कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को कोविड सेंटर ले जाया जाने लगा तो वे हड़बड़ा गए। उन्होंने हंगामा कर दिया और अपने परिजनों को सूचना दी। वे भी पहुंच गए। इसके बाद दोनों सिपाहियों की करतूत का पता चला। इसके बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक योगेश साहू को सौंप दी है। उन्हें 7 दिन में प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि निलंबित किये गए सिपाहियों में दीपनारायण त्रिपाठी काफी चर्चित पुलिस कर्मी है। उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हो चुकी हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर के मुताबिक, प्रथम दृष्टया आरोपियों के कोविड टेस्ट में निगेटिव आने के बाद पता चला है कि सिपाहियों ने उनकी फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई थी। आरोप सही मिले तो दोनों सिपाहियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। 

पढ़ें - महिला के साथ-साथ वो साँसे भी हमेशा के लिए थम गईं जो चंद महीनों बाद इस दुनिया में आकर अपनी आँखे खोलता

इस मामले को कलेक्टर किरण कौशल ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने सरकारी अस्पताल के टेस्ट सेंटर से फर्जी रिपोर्ट जारी किये जाने के मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम सुनील नायक को सौंपा है। 

ख़बर हटकर - शराब बेचने वाले आरोपियों का पुलिस ने ही बनवाई फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट, बदले में पैसे लेकर भरोसा दिलाया नहीं जाओगे जेल  


© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com