[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में 15 साल सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भले ही पराजय का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़ रही हो लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता हार के लिए भाजपा संगठन और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को जिम्मेदार ठहरा रहें हैं। विधानसभा चुनाव में सिरे से नकार दी गई भाजपा के नेता अब खुलकर अपने मन की बात कहने लगे हैं। पार्टी का भीतरी अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ चुका है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रमेश बैस ने आज कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कई वरिष्ठ नेताओं की पूछ परख ही नहीं थी। उन्होंने स्वयं की बात करते हुए कहा कि समय-समय पर उनसे व्यक्तिगत रूप से भले ही पूछा जाता रहा हो लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता काफी उपेक्षित कर दिए गए थे।
भाजपा में उठे अंतर्कलह को थमने में अभी वक्त लगेगा, सत्ता से बेदखल हुई भाजपा का संगठन भले ही कार्यकर्ताओं पर हार का जिम्मा थोप रहा हो लेकिन जो बाते अब खुलकर सामने आ रहीं है उससे अनुशासित पार्टी की छवि काफी धूमिल हुई है। पिछले कई वर्षों से दिल में दबाए दर्द को एक-एक कर बाहर करते भाजपा सांसद रमेश बैस कहते हैं कि रमन सरकार में योजनाओं को लेकर कार्यकर्ता क्या, नेताओं से भी पूछा नहीं जाता था, केवल सरकार में गिने-चुने लोग योजना बनाते और उसके क्रियान्वयन की घोषणा कर देते थे। उन्होंने कहा सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर कितना लाभ लोगों को मिला इसका पता सरकार नहीं लगा सकी। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकारा की पिछले कुछ वर्षों में सरकार पर नौकरशाही हावी रही, नतीजा जनता को भुगतना पड़ा।
ऐसा नहीं है कि पार्टी में उठे अंतर्कलह पर बैस कोई पहले नेता हैं जिन्होंने खुलकर रमन सरकार के कार्यकाल की आलोचना की हो। आपको बता दें कि पिछले दिनों पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था। साहू ने कहा था कि नेताओं को किसानों से माफी मांगी जानी चाहिए। किसानों को दो साल का बोनस नहीं दिया जाना उनके साथ वादा खिलाफी थी। चंद्रशेखर साहू ने यह भी आरोप लगया कि रमन सरकार ने किसानों के हक के पैसे से प्रदेश में मोबाइल बांटा। प्रदेश का किसान, आम आदमी धीरे-धीरे सरकार से दूर होता चला गया और भाजपा संगठन-सत्ता में बैठे लोगों को खबर तक नहीं हुई। किसान नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने यहां तक कह दिया कि नेतृत्व की गलत नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ में भाजपा आने वाले दस साल तक सत्ता से दूर हो गई।
वही हाल ही में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शिव नारायण द्विवेदी ने पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को पत्र सौंपकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। डॉ. द्विवेदी ने भाजपा के प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन जाने पर भी कई सवाल उठाते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने हारे हुए नेताओं को क्लस्टर की जिम्मेदारी दी है। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से सभी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है। उन्होंने ये भी कहा की लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का परफॉर्मेंस खराब रहेगा क्यूंकि कार्यकर्ता टूटा हुआ है।
