[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब कैबिनेट की कवायद शुरू हो गई है। भूपेश की कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। 68 सीटों पर जीत दर्ज चुकी कांग्रेस के ज्यादातर नवनिर्वाचित विधायक कैबिनेट में शामिल होने का दावा पेश कर रहे हैं जिसे लेकर विधायकों ने रायपुर से दिल्ली तक मैराथन रेस भी शुरू कर दी है। माना यह भी जा रहा है कि भूपेश बघेल की नई टीम पर अंतिम मुहर भी पार्टी आलाकमान राहुल गांधी ही लगाएंगे।
मुखिया की कमान संभाल चुके भूपेश के लिए कैबिनेट का चयन बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नए विधायकों की संख्या 30 से अधिक है। दो बार जीतने वालों की संख्या करीब 32 है। इसी तरह दो से ज्यादा बार जीतने वालों की संख्या 19 है। कुछ ऐसे भी वरिष्ठ नेता हैं जो अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे हैं। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें - उम्मीद जताई जा रही है की भूपेश के मंत्रीमंडल में पहली बार निर्वाचित होकर आये विधायकों को जगह नहीं मिलेगी लेकिन संभाग और लोकसभा क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिलना तय है । इसके अलावा महिलाओं, जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़ों को भी प्रतिनिधित्व देंगे। 13 ही जगह है, तीन भर गई, कठिन निर्णय लेने होंगे। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 39 आरक्षित हैं, जिसमें 29 अनुसूचित जनजाति और 10 अनुसूचित जाति के आरक्षित हैं। इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस के 25 विधायकों ने जीत दर्ज की है, जबकि 7 विधायकों ने अनुसूचित जाति सीटों पर कब्जा किया। ऐसे में भूपेश के केबिनेट की तस्वीर क्या होगी ये तो एकाध दिन में पता चल जाएगा लेकिन इतनी बड़ी संख्या में सामंजस्य बैठाना बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।