[TODAY छत्तीसगढ़] / राज्य सरकार ने टाटा द्वारा ली गई किसानों की जमीन को वापस लौटाने का आदेश दे दिया है। आज भूपेश कैबिनेट की बैठक में अधिग्रहित जमीन को वापस लौटाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है । कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 1 महीने के भीतर चीफ सिकरेट्री इस मामले में नीतिगत निर्णय लेकर जमीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। रविंद्र चौबे ने बताया कि धारा 101 के तहत जमीन लौटाने का फैसला सरकार ले रही है।
हालांकि अभी ये तय नहीं हुआ है कि जिन किसानों से मुआवजा ले लिया है, उस जमीन को वापल लौटाने के एवज में क्या मुआवजे की राशि वापस ली जायेगी। रविंद्र चौबे ने कहा कि इस मामले में फैसला अभी होगा। आपको बता दें कि 1707 किसानों से जमीन ली गयी थी, जिनमें से 42.7 करोड़ रुपया मुआवजा बांटा जा चुका था।
हालांकि अभी ये तय नहीं हुआ है कि जिन किसानों से मुआवजा ले लिया है, उस जमीन को वापल लौटाने के एवज में क्या मुआवजे की राशि वापस ली जायेगी। रविंद्र चौबे ने कहा कि इस मामले में फैसला अभी होगा। आपको बता दें कि 1707 किसानों से जमीन ली गयी थी, जिनमें से 42.7 करोड़ रुपया मुआवजा बांटा जा चुका था।
आपको बता दें कि बस्तर जिले में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए 10 गांवों के किसानों की अधिग्रहित जमीन वापस करने के लिए अधिकारियों को प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के लिए कहा है। टाटा संयंत्र के लिए यह भूमि फरवरी 2008 और दिसम्बर 2008 में अधिग्रहित की गई थी। संयंत्र के लिए जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया था, उनमें तहसील लोहांडीगुड़ा के अंतर्गत ग्राम छिंदगांव, ग्राम कुम्हली, छिंदगांव, बेलियापाल, बडांजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर और सिरिसगुड़ा में तथा तहसील तोकापाल के अंतर्गत ग्राम टाकरागुड़ा शामिल हैं। इस पर संबंधित कम्पनी द्वारा अब कोई उद्योग स्थापित नहीं किया गया है।
