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कौन और कहाँ है 'रेखा' ... तलाश जारी

       त्तीसगढ़ में झन्नाटेदार प्रशासनिक फेरबदल के बीच रेखा नाम की एक महिला चर्चा के केंद्र में हैं. हालांकि इस महिला को राजनेता सीधे तौर पर नहीं जानते, लेकिन बताते हैं कि एक कद्दावर पुलिस अफसर के कहने पर रेखा ने कांग्रेस के नेताओं, उद्योगपतियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों के फोन को टैप करने का काम किया था. अब जबकि झीरम घाटी की घटना के लिए एसआईटी गठित हो चुकी है और पूर्व सरकार के लिए एजेंट की तरह काम कर रहे पुलिस महकमे के बड़े अफसर इधर से उधर कर दिए गए हैं तब रेखा की खोजबीन की जा रही है. 
15 हजार लोगों का फोन टेप- 
छत्तीसगढ़ में अब कांग्रेस की सरकार है, लेकिन जब कांग्रेस विपक्ष में थी तब यह आरोप लगाती रही है कि उनके नेताओं का फोन टैप होता था. तब कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, रविंद्र चौबे सहित अन्य कई बड़े नेताओं का यह आरोप सामने आया था कि रमन सरकार और उनके अफसर फोन टैप कर रहे हैं. इधर अब जाकर यह खुलासा हो रहा है कि एक शराब माफिया और पुलिस अफसर ने सरकार से असहमति रखने वाले लगभग 15 हजार लोगों का फोन टेप किया था. फोन टैपिंग का यह गोरखधंधा शायद अब भी संचालित हो. बताते हैं कि महत्वपूर्ण लोगों की फोन टैपिंग के लिए अलग-अलग तीन मशीनें इस्तेमाल की जाती थी. एक मशीन का इस्तेमाल शराब माफिया के निवास पर होता था तो दूसरी मशीन आईटी सेक्टर में कार्यरत लोग हैंडल करते थे जबकि तीसरी मशीन की निगरानी रेखा करती थी. सूत्रों का कहना है कि रेखा ने झीरम की घटना में संदिग्ध रहे विवादास्पद पुलिस अफसर के खिलाफ केरल में पहले शिकायत और बाद में परिवाद भी दायर किया था, लेकिन अफसर की धमकी-चमकी के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. बहरहाल रेखा को इसलिए खोजा जा रहा है क्योंकि वह कई महत्वपूर्ण कारनामों की चश्मदीद है और उसके पास सबूतों का जखीरा है. 

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