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पत्नी का रील बनाना पति को नागवार गुजरता था, निर्ममता से की हत्या

 


बलौदा बाजार।
  TODAY छत्तीसगढ़  / जिले में एक पति ने धारदार और भारी हथियार से सिर पर वारकर पत्नी की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। आरोपी पति अपनी पत्नी के रील बनाने से नाराज था। मायके ले जाने के बहाने आरोपी उसे बाइक से लेकर गया और फिर रास्ते में उसे मार डाला। मामला गिधपुरी थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, जुनवानी गांव के पास सोमवार सुबह महिला की खून से लथपथ लाश पत्थर खदान के पास मिली थी।  पुलिस ने लोगों से पूछताछ के बाद लाश की शिनाख्त तेलासी गांव निवासी ज्योति रात्रे (29) पत्नी धीरज रात्रे (35) के रूप में की । पुलिस ने जांच शुरू की और आसपास के इलाके में सर्चिंग की तो महिला का पति धीरज रात्रे वहीं खदान के पास जंगल में बैठा हुआ मिला। इस पर पुलिस ने उसे पकड़ा और पूछताछ की। आरोपी धीरज ने पुलिस पूछताछ में पत्नी की हत्या करने की बात कबूल ली।

पुलिस को आरोपी धीरज ने बताया कि, वह अपनी पत्नी ज्योति को मायके बलौदाबाजार ले जाने के बहाने लेकर आया था। इसके बाद रास्ते में जुनवानी में कैंची और हथौड़ी से उसको मारा। इसके कारण वह बेसुध हो गई और थोड़ी देर बाद उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद वह डरकर वहीं छिप गया था।

ASP अभिषेक सिंह ने बताया कि, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ज्योति रील बनाती थी। उसे यह पसंद नहीं था। इसे लेकर बार-बार मना करता था, लेकिन वह मानती नहीं थी। साथ ही उसे पत्नी के चरित्र पर भी संदेह था। इसके चलते उसने ज्योति को मार दिया। उन्होंने बताया कि ज्योति और धीरज की करीब 10 साल पहले शादी हुई थी। दोनों के 3 बच्चे भी हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है।


बारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ़्लाई मीट 21 से 23 अक्टूबर तक, पंजीयन शुल्क में छात्रों को रियायत


रायपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  / वन विभाग एवं बारनवापारा अभ्यारण्य के संयुक्त तत्वाधान में 21 से 23 अक्टूबर 2024 को अभ्यारण्य में बटरफ्लाई मीट का आयोजन किया जाएगा। जिसके माध्यम को प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और पहचानने का मौका मिलेगा। साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा तितलियों के पर्यावास एवं उनके महत्त्व के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों के साथ साझा की जाएंगी। उक्त आयोजन की तीसरी कड़ी है। इसके पूर्व 2022 एवं 2023 में यह आयोजन किया गया था। विभाग द्वारा बटरफ्लाई मीट की तैयारी पूरी कर ली गई है। आयोजन में भाग लेने एवं जानकारी प्राप्त करने के लिए क्यू आर कोड भी जनरेट किया गया है जिसके माध्यम से आसानी से पंजीयन कराया जा सकता है। बटरफ्लाई मीट में प्रतिभागी स्टूडेंट के 15 सौ रूपये एवं अन्य व्यक्तियों के लिए 2 हजार रूपये पंजीयन शुल्क रखा गया है। इसके साथ ही भाग लेने के लिए 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है।

गौरतलब है कि बारनवापारा अभ्यारण्य में 150 प्रजाति के तितली एवं मोथ पायी जाती हैं। जिसमे से वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा,होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा,लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स आदि पाई जाती है। शेड्यूल छह के भी बहुत से प्रजातियां पाई जाती हैं। विगत तीन वर्षों से बारनवापारा अभ्यारण्य में 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है। साथ ही साथ विगत 8 माह से एक बाघ लगातार अभ्यारण्य में विचरण कर रहा है। बारनवापारा नाम बार और नवापारा गाँव से मिलकर बना है। बारनवापारा अभ्यारण्य अपनी स्थापना के बाद से ही देश के हर हिस्से से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित है। अभ्यारण्य का कुल क्षेत्रफल 244.66 वर्ग किमी है। अभ्यारण्य की स्थलाकृति समतल और लहरदार इलाका है। ऊँचाई 640 मीटर समुद्र तल तक है। बालमदेही,जोंक और महानदी नदियाँ अभयारण्य की जीवन रेखा हैं जो अभयारण्य की जल कमी को पूरा करने के लिए अभयारण्य के साथ बहती हैं। वार्षिक वर्षा 1200 मिमी है इस अभ्यारण्य में सागौन, साल और मिश्रित वन की मुख्य वनस्पति है। पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए इसमें शिकार और शिकारियों का अच्छा घनत्व है। अभ्यारण्य के अंदर स्थित बलार जलाशय में कई आर्द्रभूमि पक्षी और मछलियाँ पाई जाती हैं। यह अभ्यारण्य लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए इकोटूरिज्म को बढ़ावा देता है।

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बारनवापारा तक पहुँचने के लिए रायपुर से सड़क मार्ग से दो घंटे का सफर करना पड़ता है। यह रायपुर से NH53 पर 78वें किलोमीटर पर 106 किलोमीटर दूर है। पटेवा एक छोटा शहर है जहाँ बारनवापारा से 28 किलोमीटर की दूरी पर मौसम अनुकूल सड़क पर गाड़ी चलाकर पहुँचा जा सकता है।



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