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बीमार भालू की मौत, विभागीय लापरवाही उजागर

TODAY छत्तीसगढ़  / रायगढ़ जिले में करीब तीन दिन पूर्व खरसिया रेंज में एक भालू काफी बीमार हालत में मिला था। खरसिया में पशु चिकित्सक ने प्राथमिक इलाज के पश्चात रायगढ़ ले जाने की सलाह वन महकमें के जिम्मेदार अमले को दी थी। इसके बाद उसे इलाज के लिए इंदिरा विहार, रायगढ़ लाया गया, लेकिन काफी प्रयासों के बाद आज भालू ने दम तोड़ दिया। हालांकि इस पुरे मामले में जिले के वन अधिकारीयों खासकर वन मंडलाधिकारी की उदासीनता खुलकर सामने आई है।   TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को एक भालू खरसिया रेंज में बीमार हालत में देखा गया और उसकी दशा काफी नाजूक होने के कारण वनकर्मियों ने उसे पकड़ कर खरसिया में प्राथमिक इलाज कराया, पर डॉक्टरों ने उसे रायगढ़ ले जाने की सलाह दी। इसके बाद उसे रायगढ़ के इंदिरा विहार लाया गया। जहां पशु चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया। तब पता चला कि उसे बुखार होने के साथ-साथ अंदरूनी परेशानी भी है। इसके बाद उसका नियमित रूप से इलाज शुरू किया गया और लगातार उस पर डीएफओ के मार्गदर्शन में लगातार देखरेख की जा रही थी। बीमार भालू को बचाना वन विभाग के लिए चुनौती भी बन गई थी। ऐसे में इंदिरा विहार के मंकी ट्राईंगुलाईजेशन सेंटर में पदस्थ डॉक्टर की मौजूदगी में डिप्टी रेंजर व वहां के स्टाप उसे बचाने के लिए पूरा पूरा प्रयास करने लगे, लेकिन आखिरकार भालू ने आज दम तोड़ दिया। इसके बाद मृत भालू पीएम कराया गया। फिलहाल पीएम के बाद पंचनामा कर उसका अंतिम संस्कार किया गया। 

उमेश शहीद स्मारक पहुंचे, पिता और बड़े भाई को श्रद्धासुमन अर्पित कर आर्शीवाद लिया

[TODAY छत्तीसगढ़] / खरसिया विधायक और छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र पलगड़ा से खरसिया नगर होते हुए देर रात पैतृक ग्राम नंदेली पहुंचें, प्रदेश के युवा मंत्री और गाँव में सबके लाडले उमेश का स्वागत करने पूरा गाँव उमड़ पड़ा। राज्य सरकार में अहम् मंत्रालय की जिम्मेवारियों को निभाने का दायित्व उमेश को मुख्यमंत्री ने सौंपा है। इधर उनके समर्थकों और करीबियों को अपने नेता की काबिलियत पर यकीन भी है।  मंत्री बनने के बाद गुरुवार को जब वे पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे तो मानो उनके स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जगह-जगह ढोल ताशे बजते रहे, हजारों बैनर-पोस्टर से पट चुकी सड़के मानो अपने नेता के स्वागत को आतुर दिखी। 
 उमेश पटेल रायपुर से रेल मार्ग से सक्ती पहुंचें। सक्ती रेलवे स्टेशन पर मौजूद समर्थकों ने उनका आतिशी स्वागत किया, इसके बाद वे पलगड़ा घाट होते हुए सिद्धेश्वर मंदिर बरगढ़ पहुंचें।  पूजा-अर्चना के बाद वे खरसिया की ओर बढ़ गए। रास्ते भर गांव-गांव में उमेश का स्वागत किया गया। मंत्री उमेश शहीद स्मारक स्थल बारातोरहीन चौक पहुंचे और पिता स्वर्गीय नंदकुमार पटेल, बड़े भाई स्वर्गीय दिनेश पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित कर आर्शीवाद लिया। 


भूपेश के सहयोगियों में 'उमेश' सबसे कम उम्र के

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मंत्रिमंडल का मंगलवार को शपथ ग्रहण हुआ. बघेल मंत्रीमंडल में नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री बनने की दौड़ में शामिल कांग्रेस के कई दिग्गज विधायकों को पीछे छोड़कर मंत्री पद की शपथ लेने वाले खरसिया के विधायक 34 वर्षीय उमेश पटेल मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र के मंत्री होंगे। 
पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल अपने पिता की झीरम घाटी में नक्सली हमले में हुई मौत के बाद खरसिया विधानसभा सीट पर न केवल उनकी बल्कि एक तरह से कांग्रेस की विरासत को संभाल रहे हैं, क्योंकि खरसिया कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है, जहां कांग्रेस का प्रत्याशी कभी पराजित नहीं हुआ है.इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान उमेश पटेल का मुकाबला आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा के झंड़े पर राजनीतिक सफर शुरू करने वाले ओपी चौधरी से था, जिन्हें उन्होंने 16967 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया. 
वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में उमेश पटेल ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले डॉ. जवाहर लाल नायक को 38,888 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया था. लेकिन कांग्रेस के बहुमत हासिल नहीं कर पाने की वजह से उन्हें विपक्ष में बैठना पड़ा। उमेश पटेल अपनी मर्जी से राजनीति में नहीं आए हैं बल्कि परिस्थितियों ने राजनीति में आने को मजबूर कर दिया। उनके पिता स्व. नंदकुमार पटेल और भाई स्व. दिनेश पटेल की परिवर्तन यात्रा के दौरान झीरम घाटी में नक्सलियों ने कायरता दिखाते हुए नृशंस हत्या कर दी। इस दुखद घटना से उनके क्षेत्र में उपजे शून्य को भरने और अपनी पिताजी की विरासत को संभालने की महती जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। 



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