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सिमिलीपाल का ब्लैक टाइगर केवल वन्य जीवन का चमत्कार नहीं है - प्रसेन्जीत


 TODAY छत्तीसगढ़  /   ये तस्वीर एक ऐसे बाघ की है, जो इतना दुर्लभ है कि पूरी दुनिया में सिर्फ़ एक ही जंगल में मौजूद है। तस्वीर में दिखाई देते काले रंग के बाघ की तस्वीर एक फोटोग्राफ़र के असीम धैर्य का प्रतीक है। ओडिशा के सिमिलीपाल टाइगर रिज़र्व के घने जंगलों में, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफ़र प्रसेन्जीत यादव ने 120 दिन इस सपने को पूरा करने में बिताए, उस जानवर की तस्वीर लेने के लिए जिसे यहाँ के लोग भी शायद ही देख पाते हों।

महीनों की खामोशी और कई असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने आखिरकार एक स्यूडो-मेलानिस्टिक बाघ, जिसे अक्सर ब्लैक टाइगर कहा जाता है, की तस्वीर ली। यह जादुई पल अब अक्टूबर 2025 के नेशनल जियोग्राफिक के कवर पर है, और यह दुनिया में पहला अवसर है।

प्रसेन्जीत ने NatGeo को बताया:

 “ये ब्लैक टाइगर बहुत शर्मीले थे। वे मेरे कैमरा ट्रैप से दूर रहते थे और इंसानी मौजूदगी को सूंघ सकते थे। एक को देखने में मुझे दो महीने लग गए।” सिमिलीपाल, जो 2,700 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, दुनिया का एकमात्र स्थान है जहाँ ये दुर्लभ बाघ पाए जाते हैं। लगभग 30 बाघों में से, आधे से ज्यादा में एक अनोखी आनुवंशिक बदलाव होती है, जो उनके काले धारियों को जोड़कर उनका अद्भुत काला पैटर्न बनाती है।

प्रसेन्जीत यादव के लिए यह सिर्फ़ एक तस्वीर नहीं थी, बल्कि एक सपना था। उन्होंने कहा: “बारह साल पहले मैंने इस कहानी को बताने का सपना देखा था। आज, वह सपना National Geographic Magazine International के कवर पर है।”

सिमिलीपाल का ब्लैक टाइगर केवल वन्य जीवन का चमत्कार नहीं है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे देश के जंगल इन जीवों का घर हैं और उनकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। [ साभार / द बेटर इण्डिया ] {Credits: प्रसेन्जीत यादव [@prasen.yadav on IG], National Geographic}


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