बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / सकरी क्षेत्र की बेशकीमती जमीन के सौदे में बड़ा विवाद सामने आया है। खरीदार मनोज सिंह ठाकुर ने जमीन मालिक सुकांत विश्वकर्मा पर गंभीर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मनोज का कहना है कि उन्होंने सौदे की लगभग पूरी रकम चुका दी, इसके बावजूद पूरी जमीन का पंजीयन उनके नाम नहीं किया गया। मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई है। एसएसपी रजनेश सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि गलत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
शिकायतकर्ता मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपने साझेदार के साथ मिलकर मौजा सकरी स्थित 52 डिसमिल भूमि का सौदा 55 लाख रुपये में किया था। नोटरी इकरारनामा होने के बाद मनोज ने 53 लाख 24 हजार रुपये की राशि अलग-अलग किश्तों, आरटीजीएस, चेक और नगद के माध्यम से टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक सुकांत विश्वकर्मा को दे दी।
आरोप है कि भुगतान के बाद भी सुकांत ने केवल 28 डिसमिल जमीन का ही पंजीयन कराया। शेष 24 डिसमिल भूमि के पंजीयन को वह लगातार टालता रहा। मनोज का कहना है कि वे कई बार आग्रह करते रहे, लेकिन हर बार बहाने बनाकर प्रक्रिया टाल दी गई।
दूसरे खरीदार से सौदा करने की कोशिश का आरोप
मनोज ने यह भी आरोप लगाया है कि शेष जमीन को अधिक कीमत में बेचने के लालच में सुकांत विश्वकर्मा ने संभवतः यदुनंदन नगर निवासी मोहम्मद आदिल के साथ नया सौदा करने की कोशिश की है। इससे मनोज को भारी वित्तीय नुकसान होने की आशंका है।
एसएसपी से सख्त कार्रवाई की मांग
शिकायत में मनोज सिंह ठाकुर ने एसएसपी से मांग की है कि मामले की तत्काल जांच कर सुकांत विश्वकर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया जाए और बची हुई जमीन का पंजीयन उनके पक्ष में कराया जाए, ताकि उन्हें अपूर्णीय क्षति से बचाया जा सके।

