बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ कुर्मी क्षत्रिय चेतना मंच 9 नवंबर को बिलासपुर में ‘एकता का महा-संगम’ आयोजित करेगा। यह आयोजन सामाजिक एकता, संगठन और चेतना को समर्पित रहेगा।
कार्यक्रम पं. देवकीनंदन दीक्षित सभा भवन, लाल बहादुर शास्त्री स्कूल प्रांगण में दो सत्रों में संपन्न होगा। मंच के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान इसकी विस्तृत जानकारी दी।
दो सत्रों में होगा आयोजन
पहला सत्र सुबह 10 बजे से शुरू होगा, जिसमें नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण, संगठन प्रतिवेदन, राष्ट्रीय कुर्मी चेतना पंचांग 2026 का विमोचन, विचार गोष्ठी, प्रतिभा सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
इस सत्र के मुख्य अतिथि होंगे अमर अग्रवाल, विधायक बिलासपुर, जबकि अध्यक्षता व्यास नारायण कश्यप, विधायक जांजगीर-चांपा करेंगे। कार्यक्रम में डॉ. जितेन्द्र सिंगरौल, ममता मनोज चंद्राकर, सियाराम कौशिक, प्रवीण वर्मा और अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहेंगे।
दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से आरंभ होगा। इस दौरान कुर्मी ध्वजगान, कृषि रत्न, साहित्य सम्मान, पुरोहित सम्मान और अन्य सामाजिक सम्मान वितरित किए जाएंगे।
सत्र के मुख्य अतिथि होंगे धरमलाल कौशिक, विधायक बिल्हा, जबकि अध्यक्षता चेतना मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप कौशिक करेंगे।
विशेष वक्ता के रूप में पूर्व विधायक और अपेक्स बैंक अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर शामिल होंगे। अन्य अतिथियों में नारायण चंदेल, लता ऋषि चंद्राकर, प्रमोद नायक और डॉ. शारदा कश्यप प्रमुख हैं।
पटेल जयंती पखवाड़े से लेकर महा-संगम तक
मुख्य समारोह से पहले बिलासपुर संभाग के 40 गाँवों में ‘पटेल जयंती पखवाड़ा’ मनाया गया, जिसमें ग्रामीण स्वजातियों की व्यापक भागीदारी रही। आयोजन की तैयारियाँ अब पूरी हो चुकी हैं।
मंच के संरक्षक और पदाधिकारियों — जिनमें सिद्धेश्वर पाटनवार, प्रदीप कौशिक, अनिल वर्मा, डॉ. शारदा कश्यप और अन्य — ने बताया कि यह आयोजन समाज के सर्वांगीण विकास को समर्पित है।
‘चेतना मंच’ की सामाजिक भूमिका
साल 1993 में स्थापित छत्तीसगढ़ कुर्मी क्षत्रिय चेतना मंच समाज में एकता, शिक्षा और सांस्कृतिक चेतना के प्रसार के लिए कार्यरत है। मंच के संस्थापक प्रवर्तक स्वामी वेदानंद सरस्वती रहे हैं।
यह संगठन लंबे समय से सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, रोजगार प्रोत्साहन, प्रतिभा सम्मान और महापुरुषों की जयंती जैसे आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
‘एकता’ के संदेश के साथ
आयोजन समिति का कहना है कि पटेल जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और आत्मगौरव का प्रतीक है।
मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप कौशिक के अनुसार, “यह कार्यक्रम समाज के भीतर संगठन, समरसता और सशक्तिकरण का संदेश देगा। जिस अखंडता का सपना सरदार पटेल ने देखा था, वही विचार आज सामाजिक रूप में जीवित है।”
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