बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला पंचायत भवन बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 22 प्रकरणों पर जनसुनवाई की छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 355 व बिलासपुर जिले में 22 वी सुनवाई हुई।
आज के सुनवाई के दौरान प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया आंतरिक परिवाद समिति ने उसकी शिकायत पर पूरी तरह से जाँच नही किया है और आनावेदक को दोषमुक्त करार दिया है। जिसके खिलाफ आवेदिका ने अपील कर रखा है, आवेदिका का बच्चा छोटा है उसने कहा कि यदि अनावेदक माफी मांगता है तो वह आवेदन वापस ले लेगी। अनावेदक ने आवेदिका से आयोग के समक्ष मांफी मांगा है। इस पर आवेदिका ने आंतरिक परिवाद समिति की अपील वापस लेने की बात स्वीकार किया है। चूंकि दोनो पक्षों के बीच प्रकरण का निपटारा हो चुका है। अतः प्रकरण वापस ले ली है और प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने जिला खेल परिसर में महिला खिलाड़ियों के लिए टाईम स्लॉट आवेदन प्रस्तुत किया था पिछली सुनवाई में अनावेदक को 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन खेल परिसर में निर्माण कार्य होने के कारण वहां खेलने की स्थिति नही थी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद महिला खिलाड़ियों के लिये अनावेदक ने टाईम स्लॉट देने का अश्वासन दिया अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता हैं।
आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध वो उच्चाधिकारी है शासकीय दौरे में कही गई बातों की शिकायत किया था जिस पर अनावेदक का कहना है कि शासकीय कार्यों में लापरवाही के लिये सामूहिक रूप से सभी को काम को पूरा करने के लिये डाटा जाता है किसी को व्यक्तिगत टिप्पणी नही करते। आवेदिका का कथन हे कि उसने अनावेदक विरूद्ध अजाक थाना में लिखित शिकायत दिया था लेकिन अपने उच्चाधिकारी को लिखित शिकायत नही दिया था लेकिन थाने में आवेदन देने के बाद अनावेदक इस तरह के टीका टिप्पणी करना बंद कर दिये हैं। इस स्तर पर अनावेदक ने आवेदिका को लगी ठेस पर खेद व्यक्त किया हैं और भविष्य में अपने शब्दों पर और संयम रहने की बात कही है ऐसी स्थिति में आवेदिका और कार्यवाही नही चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए आवेदिका ने बताया कि धोखाधड़ी के मामले में हीरा भगवानी जेल में बंद है। इस प्रकरण में आवेदिका को समझाईस दी गई है कि वह अपने मामले अपराधिक परिवाद पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करें और राशि वसूली के लिये दीवानी मामला की प्रस्तुत करें इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है आवेदिका को निःशुल्क प्रति भी दिया जाता है। आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने सुलह नामा प्रस्तुत किया और बताया कि आयोग में प्रकरण दर्ज करने के बाद ही अनावेदक के द्वारा आवेदिका को 50 लाख रूपये वापस किये गये अतः आवेदिका अपना आवेदन वापस लेना चाहती है इस आधार के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
