रायपुर/बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / नवंबर के साथ ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सबसे निर्णायक चरण शुरू हो चुका है। राज्य शासन शून्य–त्रुटि नीति पर काम कर रहा है, और पूरे प्रशासनिक तंत्र को इस वर्ष की खरीदी को लेकर विशेष सतर्कता के साथ मैदान में उतारा गया है। टोकन प्रणाली से लेकर अवैध धान की रोकथाम तक, सरकार कई स्तरों पर सख्ती और मॉनिटरिंग कर रही है। इस बीच बिलासपुर में आंदोलनकारियों का पंडाल हटाए जाने की घटना ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है और धान खरीदी व्यवस्था पर नई बहस छेड़ दी है।
अवनीश शरण का मैराथन निरीक्षण — धान केंद्रों की व्यवस्था की जमीनी परख
धान खरीदी इस बार सरकार के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। प्रभारी सचिव अवनीश शरण ने बलरामपुर, रामानुजगंज और वाड्रफनगर क्षेत्र के कई उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने नमी मापक यंत्र, तौल उपकरण, स्टैकिंग, बारदाना, बिजली, पानी, शेड और सुरक्षा समेत सभी व्यवस्थाओं का बारीकी से परीक्षण किया। किसानों से सीधी बातचीत में यह बात सामने आई कि इस साल टोकन प्रणाली और खरीदी व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।
‘टोकन तुहर हाथ’ ऐप बना गेम चेंजर — भीड़ खत्म, सुविधा बढ़ी
घर बैठे मोबाइल से टोकन निकालने की सुविधा ने इस वर्ष खरीदी की रफ्तार बदल दी है। किसानों का कहना है कि अब उन्हें लाइन में लगने या भीड़ से जूझने की जरूरत नहीं पड़ रही। जिले के 129 केंद्रों में खरीदी शांतिपूर्वक चल रही है, जबकि किसान 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य को ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं।
जशपुर में अवैध धान पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ — सीमा पर पूरी रात जांच
झारखंड सीमा से लगे इलाकों में अवैध धान रोकने के लिए प्रशासन ने रातभर चेकपोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी। तहसीलदार, फूड इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारियों की टीमों ने वाहनों, दस्तावेजों और मूवमेंट की विस्तृत जांच की। जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश— अवैध परिवहन किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं।
कृषि उत्पादन आयुक्त सहला निगार का ग्राउंड ऑडिट — खुद कंप्यूटर पर काटा टोकन
कृषि उत्पादन आयुक्त सहला निगार ने निरीक्षण के दौरान सिर्फ कागजी समीक्षा नहीं की, बल्कि कार्यालय में लॉगिन कर स्वयं टोकन कटिंग प्रक्रिया की जांच की। उन्होंने तौल, स्टैकिंग, बारदाना उपलब्धता और किसानों से व्यवहार तक हर पहलू की सख्त समीक्षा की। उनका स्पष्ट संदेश— “किसान की मेहनत का मान रखा जाए, खरीदी में सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
बिलासपुर में आंदोलनकारी पंडाल हटाए जाने की घटना
धान खरीदी के बीच बिलासपुर में आंदोलनकारियों का पंडाल हटाए जाने से हालात अचानक तनावपूर्ण हो गए। प्रशासन का कहना है कि पंडाल सड़क अवरोध बन गया था और खरीदी व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका थी। वहीं, आंदोलनकारियों का आरोप है कि उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई।
