TODAY छत्तीसगढ़ / बिलासपुर / यह तस्वीर सिर्फ़ बच्चों की बेबसी नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी का आईना है।आज भी हमारे समाज में अनेक स्थानों पर बच्चे असुरक्षित तरीकों से हर दिन स्कूल आते-जाते हैं। यह तस्वीर हमें झकझोरती है कि किस तरह मासूम बच्चे एक ऑटो में ठूस-ठूसकर बैठाये गए है, आलम ये है कि कुछ बच्चे बगल में तो कुछ पीछे लटककर स्कूल फिर इसी तरह घर पहुँचते हैं। यह न केवल नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के जीवन से भी हर दिन खिलवाड़ हो रहा है। ये तस्वीर ग्राम गनियारी (कोटा) से नेवरा के बीच ली गई है। इस तरह के दृश्य शहर से लेकर गाँव तक आम है, अफ़सोस कोई बोलने वाला नहीं है।
एक छोटी सी चूक या अचानक लगाई गई ब्रेक बच्चों की ज़िंदगी पर भारी पड़ सकती है। हर साल हजारों मासूम सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, जिनमें कई हादसे इसी तरह की लापरवाही से होते हैं। बच्चे हमारा भविष्य हैं। उनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
