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मोहनभाठा: रनवे पर हींगलाज के फूलों की बहार, इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम


 
 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर / मोहनभाठा का शांत और ऐतिहासिक स्थल, जो कभी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा निर्मित एक महत्वपूर्ण रनवे था, आजकल प्रकृति की अद्भुत छटा से सराबोर है। यहां के विशाल मैदानों में, जहाँ कभी युद्धक विमानों की गड़गड़ाहट गूँजती थी, आज पूरे रनवे पर पीले फूलों की एक अंतहीन बहार देखने को मिल रही है। आम लोग इसे छोटी हींगलाज के नाम से भी जानते हैं। 

इतिहास और प्रकृति का संगम -

यह फूलों की बहार सिर्फ एक खूबसूरत नज़ारा नहीं, बल्कि इतिहास और प्रकृति के अद्भुत संगम का प्रतीक है। ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित यह रनवे, जो कभी सामरिक महत्व रखता था, अब एक ऐसे स्थान में परिवर्तित हो गया है जहाँ पक्षियों, जीव-जंतुओं के साथ-साथ प्रकृति का यह मनोरम दृश्य पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

पीले फूलों की चादर - 

कैंडल बुश (Candle Bush) या मोमबत्ती झाड़ी, जिसे वैज्ञानिक रूप से सेनेना अलटा (Senna alata) के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही आकर्षक और उपयोगी पौधा है।  इसे "कैंडल बुश" नाम इसके फूलों के कारण मिला है। आम लोग इसे छोटी हींगलाज के नाम से भी जानते हैं। इसके फूल एक साथ गुच्छों में खिलते हैं और एक खड़ी मोमबत्ती या टॉर्च की तरह दिखते हैं। यह पौधा मूल रूप से उष्णकटिबंधीय अमेरिका का निवासी है, लेकिन अब यह दुनिया के कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से पाया जाता है, जिसमें एशिया और अफ्रीका भी शामिल हैं।

 इसकी पत्तियों और फूलों का उपयोग त्वचा संक्रमण, जैसे दाद (ringworm) और अन्य फंगल संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। इसे अक्सर "रिंगवॉर्म बुश" भी कहा जाता है। इसके चमकीले पीले फूल तितलियों और अन्य परागणकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे यह बगीचों और प्राकृतिक क्षेत्रों में जैव विविधता को बढ़ावा देता है। कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से अनुकूल परिस्थितियों में, यह पौधा बहुत तेज़ी से फैलता है और आक्रामक खरपतवार बन सकता है, जिससे स्थानीय वनस्पतियों को नुकसान हो सकता है।

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