TODAY छत्तीसगढ़ / बिलासपुर शहर के श्रीकांत वर्मा मार्ग पर यातायात व्यवस्था संभाल रहे एक सिपाही के साथ जिस तरह की हरकत एक कांग्रेस नेता ने की वो सत्ता में मदहोशी का शोर मचा गई। सड़क पर नियम-कायदे का हवाला देना उस यातायात सिपाही को सरेराह बेइज्जत करता दिखाई पड़ा। उमस भरे मौसम में सियासत और शहर विधायक के करीबी होने की दोहरी गर्मी से तमतमाया कांग्रेस नेता मोती धारवानी न सिर्फ सरकारी काम में बाधक बना बल्कि ड्यूटी में तैनात सिपाही के साथ अभद्रता और हाथापाई करके आगे बढ़ गया। हालांकि उस नेता की करतूत का किसी राह चलते व्यक्ति ने वीडियो बना कर वायरल कर दिया है । इस गंभीर मामले की शिकायत पुलिस के वरिष्ठ और जिम्मेदार अफसरों से गई है, फिलहाल मोती पुलिस की कानूनी पकड़ से दूर है।
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वाकया शनिवार शाम बिलासपुर के व्यस्ततम तिराहे श्रीकांत वर्मा मार्ग का है। यहां यातायात पुलिस का सिपाही रामकुमार ड्यूटी पर तैनात था। सड़क पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों को रोककर उन्हें समझाइश देना या गलत पाए जाने पर चालानी कारवाही करना रामकुमार की ड्यूटी का हिस्सा है। आज शाम ड्यूटी के दौरान रामकुमार ने सामने से आ रहे एक स्कूटी सवार व्यक्ति को रोक लिया, आरक्षक उसे रोकने की वजह बताता उससे पहले ही मौके पर शोर-शराबा और तमाशा होने लगा। स्कूटी सवार मोती धारवानी नाम का वो शख्स यातायात सिपाही पर ऐसे टूट पड़ा जैसे उसने कोई संगीन अपराध कर दिया हो। उसने आरक्षक को बताया कि वो कौन है ?
उसने गला फाड़-फाड़ कर कहा कि वो कांग्रेस का सच्चा सिपाही है, नियम कायदों को फिलहाल जेब में लेकर घूमता है क्यूंकि राज्य में सत्ता उसकी पार्टी की है। वो बिलासपुर विधायक का करीबी बताया जाता है, जाहिर है सत्ता की गर्मी उमस भरे मौसम में सर चढ़कर बोलने लगी। मौके पर सारी हदों को पार करता हुआ मोती थारवानी कभी आरक्षक को धकेलता तो कभी मारने के लिए हाथ उठाता। उसने आरक्षक का मोबाइल फोन भी छीन लिया। उसे भद्दी भद्दी गालियां देता रहा। तिराहे पर हो रहे इस असामाजिक कृत्य का किसी कोने से वीडियो भी बनता रहा। वीडियो में कांग्रेस नेता की हरकतें देखकर अंदाज लगाया जा सकता है की इस दौर में या हर दौर में सत्ता के कुछ छुटभैयों के सामने भी कानून कितना लाचार होता है।
यकीन जानिये इस वीडियो में जो कुछ दिखाई दे रहा है वो पुलिस के जवान की लाचारी का सच कह रहा है। पुलिस का जवान इतना लाचार और बेबस क्यों था ? हम नहीं जानते, लेकिन ड्यूटी स्थल से सिविल लाइन और तारबाहर थाने के बराबरी दुरी के बीच यातायात थाना भी है। तमाम तरह की अभद्रता और धक्का-मुक्की होने के बावजूद आरक्षक ने पास खड़े किसी तमाशाई से मोबाइल लेकर थानों में फोन नहीं किया।
वायरल वीडियो और घटना की जानकारी शहर में आग की तरह फैली, चूँकि सत्ताधारी पार्टी का एक कार्यकर्ता सरे राह वो सब कुछ कर रहा था जिसकी इज़ाज़त न कानून देता है न समाज। इस पुरे घटनाक्रम से जिले के वरिष्ठ पुलिस अफसर वाकिफ हैं, पुलिस इस मामले को लेकर गंभीर है। इधर तिराहे पर गर्मी दिखाते छुटभैये की तलाश की जा रही है, मोबाइल बंद और सूत्रों के हवाले से आई ख़बरें कहती हैं 'मोती धारवानी' फरार है।

