TODAY छत्तीसगढ़ / रायपुर / कोविड-19 के सक्रिय मामले भले ही काम हो गए हों, लेकिन सरकार आगे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। आने वाले समय की परिस्थितियों के लिए, सरकार अपनी तैयारियों में लगी हुई है। इसी क्रम में गुरुवार को केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने छत्तीसगढ़ में कोरोना इलाज के लिए समर्पित एक केंद्र का शुभारंभ किया। सेल के भिलाई स्टील प्लांट में बने इस कोविड केंद्र में 114 बिस्तर की कोविड केयर सुविधा मरीजों को मिलेगी। आपको बता दें, यह केंद्र गैसीय ऑक्सीजन से लैस है। इस कोविड केंद्र की स्थापना, संयंत्र से गैसीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 1.5 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने के बाद की गई है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
इस कोविड केयर केंद्र में दोहरी ऑक्सीजन बैकअप सप्लाई की सुविधा है। मुख्य स्त्रोत के रूप में गैसीय ऑक्सीजन के अतिरिक्त संग्रहित तरल मेडिकल ऑक्सीजन के बैकअप का भी प्रावधान है। यह कोविड केंद्र, आईटी आवश्यकताओं और दूरस्थ परामर्श की सुविधा के लिए आवश्यक इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं से भी लैस है। यह इस परियोजना का पहला चरण है। अगले दो चरणों में इस केंद्र का ऑक्सीजनयुक्त 500 बिस्तरों तक विस्तार करना है।
.@SAILsteel’s Bhilai Steel Plant hospital has played an important role in treating patients during the second wave of the COVID-19. It also played an important role in supplying liquid medical oxygen in the country and meeting the surge in demand of LMO. pic.twitter.com/N45RTydEtK
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 10, 2021
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गैसीय ऑक्सीजन के स्रोत के निकट अस्पताल स्थापित करने और “जहां बीमार, वहां उपचार” का मंत्र दिया है। उन्होंने आगे कहा, आज का उद्घाटन उस विजन की दिशा में एक और कदम है।
Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi has given the mantra of “Jahan Bimaar, Wahi Upchaar” and setting up hospitals near the source of gaseous oxygen. Today’s inauguration is another step towards that vision. pic.twitter.com/BAqb4Htw4A
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 10, 2021
कोविड काल में भिलाई स्टील प्लांट की भूमिका की सराहना करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अस्पताल ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। साथ ही भिलाई प्लांट ने देश में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति और एलएमओ की बढ़ती मांग को पूरी करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड-19 की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग में अचानक वृद्धि हुई। अप्रैल के शुरु में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की मांग रोजाना 1300 एमटी थी, जो मध्य मई तक बढ़कर 10 हजार एमटी हो गई। कई कदम उठा कर इस बोझ को हल्का किया गया और इस्पात क्षेत्र ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई। इस्पात संयंत्रों ने स्वयं को योग्य साबित किया और अपने उत्पाद में कमी करने की कीमत पर भी देश की आवश्यकताओं को पूरा किया। कुल 2.8 लाख मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति की गई, जिसमें से 2 लाख एमटी इस्पात और पेट्रोलियम क्षेत्रों द्वारा की गई है।
पेट्रोलियम मंत्री ने टीकाकरण के बारे में बोलते हुए आश्वासन दिया कि भारत सरकार और सेल, छत्तीसगढ़ के साथ हैं। राज्य के लोगों के लिए टीकाकरण को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कॉर्पोरेट तथा राज्य सरकार से कम से कम समय में टीकाकरण को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि हाल के अनुभव से सीख लेते हुए भिलाई स्टील प्लांट में बनी कोविड केयर सुविधा भविष्य में भी बीमारी में वृद्धि से निपटने के लिए तैयार होगी। जब तक जरूरत महसूस होगी, तब तक यह सुविधा काम करती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सेल एक कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है और जल्द ही कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के लिए अनुकंपा नियुक्तियों की मांग पर निर्णय लेगा।