[TODAY छत्तीसगढ़ ] / विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) ने 10 वर्ष की बच्ची और उसकी छोटी बहन का अपहरण कर दुष्कर्म करने के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बिल्हा थाना क्षेत्र में रहने वाली 10 वर्षीय बच्ची 12 नवंबर 2014 की शाम 4.30 बजे पिता की दुकान से अपनी छोटी बहन के साथ घर जाने के लिए निकली थी। उसी समय बिल्हा थाना क्षेत्र के देवकिरारी निवासी अश्वनी गोंड़ पिता प्रेमलाल(20) उसका भाई अरुण गोंड़ पिता प्रेमलाल(24) और दीपक तिवारी पिता रामनारायण तिवारी(25) उनके पास पहुंचे और जबरदस्ती दगौरी खदान की ओर ले गए। शाम तक बच्चियों के नहीं आने पर पिता ग्रामीणों के साथ मिलकर उनकी तलाश करने लगा। रात तक नहीं मिलने पर थाने में अपहरण की रिपोर्ट लिखाई गई। दूसरे दिन दोनों बच्चे सुबह आठ बजे घर लौट आईं। बड़ी बहन ने पिता को आरोपियों द्वारा खदान में दुष्कर्म किए जाने की जानकारी दी। इसके बाद रात में दीपक उन्हें लेकर दगौरी गया। वहां पैरावट में तीनों आरोपी सो गए । मौका पाकर दोनों बहनें वहां से भाग निकलीं । आरोपियों ने उसके गले से सोने का लॉकेट भी लूट लिया था। बिल्हा पुलिस ने तीनों के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) श्रद्घा शुक्ला शर्मा की अदालत में हुई। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए तीनों आरोपियों को धारा 376(घ) व धारा छह पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास और 500-500 रुपये अर्थदंड, धारा 365 में पांच वर्ष, धारा 392 में पांच वर्ष और 120 बी में पांच वर्ष व 1500-1500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
