[TODAY छत्तीसगढ़] / आज राजधानी रायपुर पुलिस ने नकली नोटों के कारोबार से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उनके कब्जे से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का नकली नोट व प्रिटिंग मशीन-सामान जब्त किया है। पुलिस को चुनाव में बड़े पैमाने पर नकली नोट छापकर खपाने की आशंका है। पुलिस इस मामले में एक युवा दंपति को हिरासत में लेकर पूछताछ में लगी है।
सिटी एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने रविवार को नकली नोट गिरोह का खुलासा करते हुए पत्रकारों को बताया कि राजधानी पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी राजेंद्र नगर क्षेत्र स्थित अमलीडीह के एक मकान में एक नकली नोट का प्रेस संचालित हो रहा है। पुलिस ने इस पर रजत प्राइम कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट में छापा मारा, तो वहां नकली नोटों के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ। वहां पांच करोड़ से अधिक के दो-दो हजार के नकली नोट मिले हैं। मकान से प्रिंटर, लैपटाप, कटिंग मशीन, स्याही व अन्य सामान भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में मूलत: बिहार के रहने वाले निखिल कुमार सिंह(29) व उसकी पत्नी पूनम अग्रवाल(30) को हिरासत में लेकर पूछताछ में लगी है। ये दोनों फ्लैट में रहकर वहां नकली नोट के कारोबार में लगे थे। पुलिस को आशंका है कि नकली नोट के प्रिटिंग प्रेस से अब तक करोड़ों की नोट की छपाई हो चुकी है, जिसे चुनाव में खपाया जा चुका है। दूसरी ओर इस खबर के सामने आने के बाद हलचलें तेज हो गयी है। चर्चा है कि नकली नोट के प्रेस से पैसे छापकर बड़े पैमाने पर चुनाव में बांटे गए हैं। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी लोग भी पकड़े जा सकते हैं।
एएसपी ने बताया कि आरोपी पति-पत्नी मूलत: रायगढ़ के रहने वाले हैं. रायगढ़ में रहने के दौरान वह एक मीडिया संस्थान को अपनी सेवा भी देता था.वहां के बाद वह संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली चला गया. वहां से परीक्षा में असफलता मिलने पर तैयारी के साथ-साथ रायपुर में पिछले 6 महीने से रहने लगा. इस दौरान वह यह कार्य कर रहा था. इसकी सूचना पुलिस को मुखबिर के माध्यम से मिली. पुलिस ने नकली नोट समेत आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी से 25 हजार रुपए नकद, कलर प्रिन्टर, नोट कटर व कम्प्यूटर सहित अन्य सामान जब्त किए हैं.
[TODAY छत्तीसगढ़] / रायपुर के रिंग रोड स्थित भाठागांव फिल्टर प्लांट के पास शनिवार देर रात एक तेज रफ्तार कार सड़क किनारे के एक बिजली खंबे से जा टकराई। हादसे में कार चला रहे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार दो टुकड़ों में बंटकर क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पूछताछ की और हादसे के संबंध में सारे तथ्य जुटाने की कोशिश की ।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वालफोर्ट सिटी भाठागांव निवासी संजय त्रिपाठी का पुत्र प्रांजल त्रिपाठी(23) अपनी कार आई-20 से बीती शाम-रात होटल बेबीलोन गया था। वहां वह अपने परिवार वालों के साथ खाना खाने के बाद देर रात वह अकेला अपने घर लौट रहा था, तभी उसकी कार भाठागांव फिल्टर प्लांट के पास एक बिजली खंबे से टकरा गई और ड्राइविंग सीट पर फंसकर उसकी वहीं मौत हो गई।
टिकरापारा पुलिस का कहना है कि युवक ब्रिटेन में एमबीए की पढ़ाई कर हाल ही में रायपुर लौटा था। क्षतिग्रस्त कार से युवक के शव को बाहर निकाल उसे चीरघर पहुंचाया गया है। परिवार के बाकी लोग दूसरी कार में थे और घर पहुंच कर युवक के आने का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद उन्हें युवक की मौत की खबर मिली।
[TODAY छत्तीसगढ़] / ऋण पुस्तिका बनाने के लिए किसान से चार हजार रुपये रिश्वत मांगना आखिरकार महिला पटवारी को महंगा पड़ गया। शिकायत के बाद एंटी करप्शन की टीम ने रंगेहाथ महिला पटवारी को पकड़ा था। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी महिला पटवारी को पांच साल की सजा सुनाई है।
महासमुंद जिले के पिथौरा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 47 भगतदेवरी में पदस्थ तत्कालीन पटवारी लता सक्सेना निवासी राजनांदगांव ने किसान देवेंद्र नायक से ऋण पुस्तिका बनाने के लिए चार हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। किसान ने 22 मार्च 2017 को एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में किसान ने बताया कि उनके पिता रामचंद्र नायक ने भगतदेवरी में तीन अलग-अलग जगह जमीन खरीदी है। जिसका नामांतरण और पटवारी अभिलेख में दुरुस्ती के साथ ही ऋण पुस्तिका में इंद्राज करने के लिए पटवारी एक खसरा नंबर का 1500 रुपये के हिसाब से 4500 रुपये रिश्वत की मांग रही है। रिश्वत की मांग कर रही पटवारी ने आखिरकार चार हजार रुपए में काम कर देने का आश्वासन किसान को दिया। शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने 5 अप्रैल 2017 को पटवारी के भगतदेवरी स्थित आवास में दबिश दी और योजनाबद्घ तरीके से रिश्वत लेते हुए पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार क़र लिया । एंटी करप्शन की टीम ने मामले को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जहां मामले की सुनवाई पूरी करते हुए विशेष न्यायाधीश ने दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्ता लता सक्सेना को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और छह हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
[TODAY छत्तीसगढ़] / इहु जनम अउ उह जनम, बार-बार जनम अहीर हो, चिखला कांदो म कपड़ा भींजै गोरस म भींजै सरीर हो.., आंगन लिपे चक चंदन लिपें हरियर गोबर बिन्हा.., जइसे के मया लेबो देबो, वइसे के देबो आशीष.., ठाकुर जोहार ला आऐंव भैया, अउ पान सुपारी के कोरा.., सदा भवानी दाहिनी, सन्मुख रहे गणेश हो, पांच देव रक्षा करें ब्रम्हा विष्णु महेश हो.., पांव जान पनही मिलय, घोड़ा जान असवार रे.., गौरी के गणपति भये, कौशल्या के राम.., लालच अइसन हे बला संगी, जेन परे पछताए.. जैसे भक्तिभाव, सामाजिक जागरूता के संदेश, आशीषों से सजे दोहे व गीतों के साथ पूरी रात लोककला की सतरंगी छटा सजती रही। वहीं यदुवंशी पारंपरिक वेषभूषा में गड़वाबाजा की धुन पर थिरकते हुए शौर्य का प्रदर्शन करते रहे। पूरी रात शास्त्री मैदान में लोगों का जमघट रहा।
शनिवार को रावत नाच महोत्सव समिति की ओर से लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में 41वां महोत्सव हुआ। साथ ही अंचल में लगभग एक पखवाड़े से चल रहे रावत नाच महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर पूरी रात गड़वाबाजा, टिमकी, सिंगबाजा, ढोलक, गड़वाबाजा, मोहरी, डफड़ा की धुन गूंजती रही। साथ ही यदुवंशी थिरकते हुए अपनी कला की प्रस्तुति दी। वहीं बीच-बीच में दोहे गाकर शुभाशीष देते रहे। इससे पूरी रात आयोजन स्थल में मेले जैसा माहौल रहा।
रावत नाच महोत्सव में सजी आकर्षक झांकियां और गीतों के साथ पारंपरिक लोकनृत्य का आनंद लेने लोगों ने भी रतजगा किया। जैसे-जैसे रात गहराती गई वैसे-वैसे लोगों की भीड़ भी बढ़ती गई। वहीं मौसम में घुलती ठंड भी लोगों के साथ ही यदुवंशियों का उत्साह कम नहीं कर सकी। लोगों ने उपस्थित होकर उनका हौसला बढ़ाया।
देर शाम से शुरू हुआ प्रस्तुति का सिलसिला पूरी रात चलता रहा। यदुवंशी प्रस्तुति देने के लिए बने सौ फीट के घेर में अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को रोमांचित करते रहे। इसमें सौ से भी ज्यादा दलों के नर्तकों ने अपने-अपने दल के साथ प्रस्तुति दी। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी पारंपरिक वेशभूषा में सजे आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर एक के बाद दूसरी प्रस्तुति के लिए दलों को लंबा इंतजार भी करना पड़ा। फिर भी वे अपने वादक दल के साथ उत्साह के साथ नाचते-गाते अपनी प्रस्तुति का इंतजार करते रहे। जैसे-जैसे उनका इंतजार खत्म होता गया वैसे-वैसे वे अपनी प्रस्तुति से सभी को लुभाते रहे।
यदुवंशी अपने साथ झांकियां भी लाए थे। इसमें कृष्ण भक्ति के रंग सजते रहे। वहीं कुछ झांकियों के माध्यम से सामाजिक चेतना भी जागृत करते हुए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। कृष्ण लीला, माखन चोरी, मटकी फोड़, कालिया नाग मर्दन समेत अनेक झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। वे झांकियों के साथ ही अपने-अपने बैनर के साथ अपना परिचय भी अनोखे और प्रभावी ढंग से देते रहे।
लट्ठ संचालन से यदुवंशी शौर्य प्रदर्शन करते रहे। इसमें उनके बीच का तालमेल और प्रर्दशन की कला देखते ही बन रही थी। उनके लठ्ठ संचालन की कला ने सभी को रोमांचित किया। बड़ों के साथ ही दल में शामिल बच्चों का प्रदर्शन भी देखते ही बन रहा था। महोत्सव में समाज की पत्रिका मड़ई का विमोचन किया गया। इसमें सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ ही संस्कृति पर शोधपरक रचनाएं होती हैं।