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⇛ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आजकल कम ही बोलती हैं लेकिन शनिवार को जयपुर में वो एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोलीं.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए तंज कसा कि क्या हिंदू होने का मतलब अब राहुल गांधी से समझना होगा. सुषमा ने कहा, "राहुल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को हिंदू होने का मतलब पता नहीं है. वो ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वो स्वयं और उनकी पार्टी कांग्रेस भी अपने नेता के मजहब और जात को लेकर दुविधाग्रस्त हैं. ये दुविधा बार-बार प्रकट हो रही है." "वर्षों तक कांग्रेस ने राहुल की छवि धर्मनिरपेक्ष नेता की बनाए रखी, लेकिन चुनाव आते ही उन्हें लगा कि इस देश का बहुसंख्यक हिंदू है. इसके बाद हिंदू की छवि बनाना शुरू की गई. यहां तक कि संसद में डंके की चोट पर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चर्चा में राहुल ने कहा कि वे हिंदू हैं, जिससे पूरा देश समझ ले कि वो हिंदू हैं. फिर कांग्रेस को लगा कि सिर्फ़ हिंदू कहने से काम नहीं चलेगा, आस्थावान हिंदू होना ज़रूरी है. इसके बाद कांग्रेस के नेताओं के कहने पर वो मानसरोवर यात्रा पर चले गए और लौटकर ख़ुद को शिव भक्त बताया. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दतिया पीठ जाओ, फिर कहा गया कि राजस्थान में पुष्कर जाओ तो वहां पहुंच गए.
⇛ छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग पूरी हो चुकी अब सब की नजर 11 दिसंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं. इसी बीच संवाददाताओं के कुछ सवालों का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कई खुलासे किए. सबसे पहले उन्होंने साफ कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा. आगे उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना कम है कि किसी की मदद की ज़रूरत पड़े. ये पूछने पर कि अगर अजीत जोगी की मदद की ज़रूरत पड़ी तो ? जवाब में रमन सिंह ने कहा कि इसकी संभावना कम है फिर भी हम समय और परिस्थिति के हिसाब से निर्णय लेंगे. कांग्रेस के बार-बार ईवीएम पर सवाल उठाने के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस हार रही है इसलिए ईवीएम की सुरक्षा का सवाल उठा रही है. ये उनके अंदर की कमज़ोरी है और उन्होंने हार का बहाना ढूंढ लिया है.
 ⇛ नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर पंजाब कांग्रेस में जंग शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ टिप्पणी को लेकर पंजाब के वरिष्ठ मंत्री ने शनिवार को नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्रिमंडल से इस्तीफे की मांग की. टिप्पणी के एक दिन बाद मंत्री ने यह मांग की है. उधर, सिद्धू ने हैदराबाद में की अपनी उस टिप्पणी को वापस ले लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर करतारपुर गलियारे के आधारशिला समारोह में हिस्सा लिया था. सिद्घू ने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी ने मुझे जाने को नहीं कहा था, मैं इमरान खान के निजी आमंत्रण पर वहां गया था.' शुक्रवार को सिद्धू ने कहा था कि राहुल गांधी उनके 'कैप्टन' हैं. इसे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर एक तंज की तौर पर देखा जा रहा था. पंजाब मंत्रिमंडल के मंत्री त्रिप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा, 'अगर वह कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना कैप्टन नहीं समझते तो उन्हें नैतिक आधार पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए और वह राहुल गांधी द्वारा दिए कार्य करें. पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पाकिस्तान भेजा था. नवजोत सिंह सिद्धू ने हैदराबाद में एक प्रेसवार्ता में जब यह पूछा गया कि उन्होंने पाकिस्तान जाने के लेकर अपने कैप्टन की सलाह अनसुनी क्यों की, तब उन्होंने कहा था, 'आप किस कैप्टन की बात कर रहे हैं. ओह. कैप्टन अमरिंदर सिंह. वे आर्मी के कैप्टन हैं. मेरे कैप्टन राहुल गांधी हैं. कैप्टन के कैप्टन भी राहुल गांधी हैं." पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आयोजन में भाग लेने के पाकिस्तान के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था. और कहा था कि वह भारत में आतंकवाद को समर्थन जारी रख रहा है. कहा जाता है कि वे सिद्धू के वहां जाने से भी खुश नहीं थे. 
⇛ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जहां नए वोटरों के मिजाज पर सभी दलों की नजरें टिकी हैं, वहीं महिलाएं भी अपनी ताकत दिखाने को तैयार हैं। पिछले कुछ चुनावों से जिस तरह वोटिंग में इनकी भागीदरी बढ़ी है, अचानक कई सीटों पर महिलाएं निर्णायक फैक्टर बन गई हैं। 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर हुई वोटिंग और 28 नवंबर को मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर हुई वोटिंग में महिलाओं की भागीदरी ने सभी राजनीतिक दलों को कंफ्यूज कर दिया है। 2013 के मुकाबले इस बार जो ज्यादा वोटिंग इन दोनों राज्यों में हुई है, उनमें महिलाओं की भागीदारी अधिक है। दरअसल, हाल के दिनों में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव में महिलाएं, खासकर ग्रामीण महिलाओं ने नतीजों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। इनकी बढ़ती ताकत को देखते हुए अब राजनीतिक दलों के अजेंडे में इन्हें लुभाना भी शामिल हो गया है। 
हालिया चुनावों में महिलाएं निर्णायक फैक्टर साबित हुई हैं, जिसे देखते हुए सरकार और राजनीतिक दल महिला केंद्रित नीतियां बनाने को मजबूर हो गए हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता के पीछे गर्भवती महिला से लेकर शादी की उम्र की लड़कियों के लिए, हर मोड़ पर बनी अलग-अलग योजनाओं का बड़ा योगदान है। इससे वह राज्य में मामा के नाम से मशहूर हुए।  पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस ट्रेंड को देखा और इसे बीजेपी के पक्ष में करने की पूरी कोशिश की। फ्री एलपीजी कनेक्शन देने के लिए उज्ज्वला योजना से उन्हें चुनावी लाभ भी मिला है। वहीं, बिहार में नीतीश कुमार ने साइकल वितरण से लेकर पंचायत चुनाव में 33 फीसदी आरक्षण का दांव खेलकर महिलाओं का वोट पाने में सफलता हासिल की। इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी ने महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी किया, तो कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए कई वादे किए। 

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