बिलासपुर / मस्तूरी। TODAY छत्तीसगढ़ /जनपद पंचायत मस्तूरी के सरपंच संघ ने मंगलवार को अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर शासन के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। क्षेत्र की 132 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने आरोप लगाया कि पंचायती राज का वर्तमान कार्यकाल शुरू हुए 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक 15वें वित्त आयोग की राशि पंचायतों को प्राप्त नहीं हुई है। निधि जारी न होने से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास कार्य ठप पड़ गए हैं।
सरपंचों का कहना है कि यदि वित्तीय राशि मिल जाए तो सड़क, नाली, सामुदायिक भवन सहित कई आवश्यक निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। फिलहाल बजट उपलब्ध न होने के कारण पंचायतें कार्यहीन स्थिति में हैं, जबकि ग्रामीण जनता विकास की अपेक्षा रखती है।
ज्ञापन में सरपंच संघ ने पंचों का मानदेय 2,500 रुपये और सरपंचों का मानदेय 10,000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग रखी। प्रतिनिधियों का तर्क है कि जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ मानदेय भी वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप बढ़ाया जाना जरूरी है।
सरपंच संघ की तीसरी मांग के अनुसार 50 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा किए जा सकें, इसके लिए अलग निर्माण एजेंसी का गठन किया जाए। इससे बड़े स्तर पर विकास कार्यों का स्वंय निष्पादन किया जा सकेगा और प्रक्रियाएं सरल होंगी। सरपंचों का कहना है कि तीनों प्रमुख मांगें पूर्ण होने से ग्रामीण विकास को गति मिलेगी और पंचायतें अपने दायित्वों का बेहतर निर्वहन कर सकेंगी।
