बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / सरकण्डा थाना क्षेत्र में मकान विक्रय के नाम पर 40 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने तेज कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज होने के कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों ने बैंक में बंधक मकान को बिक्री योग्य बताते हुए प्रार्थी को लाखों रुपये का चूना लगाया था।
परिचित के भरोसे में फंसा प्रार्थी
जानकारी के अनुसार सूर्या विहार, सरकण्डा निवासी अजीत शुक्ला (57) की मुलाकात आरोपी दिनेश प्रताप सिंह से पहले से होती रहती थी। इसी परिचय के आधार पर दिनेश ने उन्हें अप्रैल 2024 में भास्कर प्रसाद त्रिपाठी से मिलवाया। भास्कर ने स्वयं को एसईसीएल, कोरबा में पदस्थ बताकर विवेकानंद नगर, मोपका स्थित अपना मकान बेचने की बात कही। मकान देखने के बाद प्रार्थी ने खरीदारी में रुचि दिखाई, जिसके बाद 26 अप्रैल 2024 को 50 रुपये के स्टांप पर दोनों पक्षों के बीच इकरारनामा तैयार किया गया। इसमें तीन माह के भीतर रजिस्ट्री कराने का उल्लेख था। दिनेश प्रताप सिंह और अरुण सिंह इस दस्तावेज के गवाह बने।
इकरारनामा होने के बाद प्रार्थी ने आरोपी भास्कर को 36 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। लेकिन तय समयसीमा बीत जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई। बाद में दोनों आरोपियों ने मिलकर 40 लाख रुपये का एक फर्जी इकरारनामा भी तैयार कर लिया।
बंधक था मकान, नामांतरण भी नहीं
कुछ समय बाद प्रार्थी को पता चला कि जिस मकान को बेचने की बात कही जा रही थी वह बैंक में बंधक है और उसका नामांतरण भी नहीं कराया गया था। इस प्रकार दोनों आरोपियों ने मिलकर सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम दिया।
शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भापुसे) ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल और सीएसपी सरकण्डा निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप आर्य के नेतृत्व में टीम गठित की गई।
टीम ने दोनों आरोपियों को उनके सकुनत से हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों को शुक्रवार (22 नवंबर 2025) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
