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विष्णुदेव मंत्रिमंडल का गठन, नौ विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

 


 रायपुर। TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नए मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। साय मंत्रीमंडल में जातिगत समीकरण और लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसमें तीन विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचें हैं। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण में राज्यपाल ने मंत्रियों को शपथ दिलाई।   

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रीमंडल में आज जगह पाने वाले नौ विधायकों में बृजमोहन अग्रवाल अपनी लोकप्रियता के अलावा पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल हैं। बृजमोहन अग्रवाल के अलावा रामविचार नेताम, केदार कश्यप और दयालदास बघेल डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इनके अलावा पांच विधायक जिन्होंने मंत्री पद की शपथ लेकर मंत्रीमंडल में जगह बनाई उसमें ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा, श्यामबिहारी जायसवाल और कोरबा से लखनलाल देवांगन शामिल हैं। 

ओपी चौधरी (IAS) 

रायगढ़ से भाजपा विधायक और पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। ओपी चौधरी प्रशासनिक कौशल में माहिर हैं। ओपी चौधरी पहली बार ही विधायक निर्वाचित हुए हैं। साल 2018 में आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी।  

विधायक लक्ष्मी राजवाड़े  - 

विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के गठन में आठवें नंबर पर विधायक लक्ष्मी राजवाड़े ने मंत्री पद की शपथ ली। लक्ष्मी पहली बार विधायक चुनी गई हैं। विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री हैं। भटगांव विधानसभा सीट से महिला मोर्चा से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाली लक्ष्मी राजवाड़े ने कांग्रेस से दो बार के विधायक रहे पारस नाथ राजवाड़े को करीब 44 हजार मतों से हराया था।

श्याम बिहारी जायसवाल - 

सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने शपथ ली। जायसवाल पहले में जिला पंचायत खड़गवां के अध्यक्ष भी रहे हैं। श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। साल 2013 के चुनाव में वह पहली बार विधायक चुने गए थे। 2018 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हार का अंतर कम था। 

टंकराम वर्मा  -

विधायक टंकराम वर्मा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वर्मा बलौदाबाजार सीट से पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं। मंत्री बनने वाले टंकराम वर्मा ने शिक्षक की नौकरी छोड़ राजनीति में एंट्री की थी। टंकराम वर्मा ने एलएलबी की हुई है। वे सबसे पहले तिल्दा से जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे, इसके बाद रायपुर जिला पंचायत में उपाध्यक्ष भी रहे। वर्मा पिछले 30 वर्षों से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। 

मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं - 

संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। आज शपथ ग्रहण के पहले तक साय कैबिनेट में तीन सदस्य हैं। इसमें मुख्यमंत्री साय और दो उप मुख्यमंत्री  क्रमश: अरुण साव और विजय शर्मा शामिल हैं, जिन्होंने राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 13 दिसंबर को शपथ ली थी। 

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