TODAY छत्तीसगढ़ / रायपुर / भ्रष्टाचार और काली कमाई की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद एंटीकरप्शन ब्यूरो और ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS अधिकारी जीपी सिंह के 15 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा, करीब 40 घंटे से जारी छापामार कार्रवाई में एंटीकरप्शन ब्यूरो की जांच टीम ने 5 करोड़ रुपए की संपत्ति का प्रारम्भिक आंकलन किया है। शुक्रवार को जारी मीडिया रिपोर्ट में टीम का कहना है कि यह रकम, संपत्ति का प्रारंभिक आंकलन हैं। जैसे जैसे जांच बढ़ेगी यह रकम भी बढ़ेगी। ज्ञात हो कि आईपीएस अफसर जीपी सिंह खुद एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ रह चुके हैं। एंटीकरप्शन ब्यूरो और ईडी की टीम ने गुरुवार सुबह 6 बजे रायपुर स्थित जीपी सिंह के बंगले सहित कई शहरों में उनके 15 ठिकानों पर छापा मारा था।
शुक्रवार रात एंटीकरप्शन ब्यूरो और ईडी की टीम ने एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें पिछले 40 घंटों की कार्रवाही के दौरान सामने आई संपत्ति, वाहनों, बैंक खाता, बीमा पॉलिसियों का उल्लेख है। एंटीकरप्शन ब्यूरो और ईडी की टीम ने बताया कि 75 से अधिक बीमा पॉलिसी जीपी सिंह, उनकी धर्मपत्नी और उनके पुत्र के नाम पर मिली है। इसकी संख्या बढ़ सकती है। इन पॉलिसी के प्रीमियम के रूप में ही लाखों रुपए सालाना बीमा कंपनियों को दिए जाते हैं। टीम बीमा कंपनी से प्रिमियम का हिसाब ले रही है। बैंकों और डाकघर में अलग-अलग कई खाते इस परिवार के नाम पर हैं । इसके साथ ही डेढ़ करोड रुपए के म्यूच्यूअल फंड और शेयर के इन्वेस्टमेंट के कागज मिले हैं ।म्यूच्यूअल फंड्स और शेयर के दस्तावेज की गणना शुरू है, सिर्फ इन्हीं की राशि कई करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। वाहनों के कागजात भी मिल हैं। इसमें कंस्ट्रक्शन से जुड़े वाहन, मिक्सर मशीन, ट्रक व अन्य उपकरण शामिल हैं।
जांच टीम को अभी तक 75 लाख रुपए के वाहनों की जानकारी के पुख्ता प्रमाण मिल चुके है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़, उड़ीसा समेत दूसरे राज्यों में भी जीपी सिंह ने जमीन, फ्लैट, मकान में बड़ी राशि का निवेश किया है। इसका आकलन भी किया जा रहा है । एसीबी टीम को कुछ बैंक अकाउंट की जानकारी अभी प्रारंभिक तौर पर मिली है उसमें 1 करोड़ रुपए जमा है। यह अकाउंट जीपी सिंह और उनके निकट परिजनों के नाम पर हैं। जांच टीम का कहना है कि अकाउंट की संख्या और उसमें जमा राशि जैसे-जैसे गणना पूरी होगी बढ़ती जाएगी ।
जांच टीम द्वारा जारी प्रेस रिलीज में जो सबसे अंतिम बिंदु है उसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताया गया है कि जीपी सिंह के बंगले में चारों तरफ सीसी टीवी कैमरे लगे हुए हैं। इन कैमरों के रिकॉर्डिंग की डीवीआर मशीन गायब है। एसीबी के अधिकारियों का मानना है कि सीसीटीवी फुटेज में जरूर कुछ ऐसे लोगों का जीपी सिंह के बंगले में आना जाना रिकॉर्ड हुआ है जो नहीं चाहते कि उनका संबंध सार्वजनिक रूप से सामने निकले। आशंका व्यक्त की गई है कि इन कैमरों में कुछ लेनदेन के विजुअल भी रिकार्ड होंगे। साजिश में शामिल लोगों के चेहरे सामने ना आ पाए इसलिए कैमरे की डीवीआर मशीन को गायब कर दिया गया है।