छत्तीसगढ़ सहित उसके सीमावर्ती राज्यों में फैले लाल आतंक पर पुलिस के साथ-साथ कोरोना संक्रमण का भी शिकंजा कसता जा रहा है। पिछले दिनों तेलंगाना पुलिस ने नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के प्रमुख गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय को गिरफ्तार किया था। तबीयत खराब होने के बाद वह छत्तीसगढ़ से इलाज के लिए तेलंगाना पहुंचा जहां वारंगल जिले के मुलुगू क्रास मार्ग पर वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने उसे पहचान लिया। पुलिस ने तत्काल सोबराय को पकड़ा और मामले की ख़बर वरिष्ठ अधिकारीयों को दी गई । सोबराय के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने कई अहम् जानकारियां जुटाई। पुलिस ने बताया कि सोबराय नक्सलियों के दक्षिण सब ज़ोनल ब्यूरो की कम्युनिकेशन टीम का मुखिया है। उसके ऊपर 8 लाख रुपए का इनाम भी है । पुलिस पूछताछ में उसने खुद को कोरोना पॉजिटिव होना बताया जिसके इलाज के लिए तेलंगाना आने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने उसका RT-PCR टेस्ट कराया, रिपोर्ट पॉजिटिव होने की वजह से उसका पुलिस की निगरानी में इलाज चल रहा था जहां आज उसकी मौत हो गई ।
लीडर और नक्सली चपेट में, इलाज के लिए बाहर जाने की इजाज़त नहीं -
पूछताछ में सोबराय ने पुलिस को बताया था कि कई लीडर और नक्सली कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं, लेकिन उन्हें इलाज कराने के लिए बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में सुकमा-बीजापुर के सिलगेर में कैंप खुलने के विरोध में जुटे सीमावर्ती गांवों के तममा ग्रामीण संक्रमण की चपेट में हैं।
कुछ नक्सल लीडरों के नाम जो कोरोना संक्रमित हैं -
संक्रमित होने वाले इन नक्सली लीडरों के नाम भी सामने आये हैं। पुलिस के मुताबिक कटाकम सुदर्शन उर्फ आनंद उर्फ मोहन, थिप्परी तिरुपति उर्फ देवूजी उर्फ चेतन उर्फ संजीव उर्फ रमेश, यापा नारायण उर्फ हरिभूषण उर्फ लकमा, बड़े चोक्का राओ उर्फ दामोदर, कनकनाला राजी रेड्डी उर्फ धर्मन्ना उर्फ वेंकटेश, कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ विकल्प (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी प्रवक्ता), मूला देवेंद्र रेड्डी , कुनकटी वेंकटियाह उर्फ विकास (दक्षिण बस्तर, सचिव), मुचाकी उंगल उर्फ रघु उर्फ सुधाकर भी कोरोना से संक्रमित हैं।