TODAY छत्तीसगढ़ / कोटा / कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है और चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हुई है. धीरे-धीरे आंकड़ों में हालात सुधरते नजर आ रहे हैं लेकिन सिस्टम की हालात जस की तस बरकरार है. अस्पतालों में मरीज अभी भी जिंदगी मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. इतना ही नहीं अब तो मरीज की मौत के बाद परिजनों तक को संघर्ष पर मजबूर होना पड़ रहा है. कोटा में ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां बेटी की मौत के बाद पिता ने शव को कार की अगली सीट पर रखा और उसे सीट बेल्ट बांधकर अपने घर लेकर पहुंचा.पीड़ित परिवार का आरोप है कि " रुपए नही देने पर वार्डबॉय शव को हाथ तक नहीं लगाते और अस्पताल में खड़े एम्बुलेंस चालक शव को श्मशान तक ले जाने का मनमाना किराया मांगते है।"
TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
इस पिता को अपनी 34 साल की बेटी का शव कोटा से झालावाड़ ले जाना था #Ambulance वालों ने 35000 ₹ माँगे।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 25, 2021
पिता क्या करता ? चल पड़ा बिटिया के साथ आख़िरी सफ़र पर
( वीडियो @tarun_sharma62 ) pic.twitter.com/YuhvWhWmlE
डीसीएम क्षेत्र निवासी मधुराजा ने बताया कि उनकी भांजी सीमा (34) झालावाड़ की निवासी थी, कोरोना पॉजिटिव आने पर उसे 24 अप्रैल को नए अस्पताल में भर्ती कराया था. उसे आईसीयू में हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया था. तीन दिन पहले उसे सामान्य वार्ड (टीबी वार्ड में शिफ्ट करने को कहा. वो स्टॉफ और डॉक्टर से गिड़गिड़ाए, मिन्नतें की अभी इसे हाई फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत है और आईसीयू में ही रहने दो, लेकिन स्टॉफ व डॉक्टर ने एक नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि दूसरे गंभीर मरीज को शिफ्ट करना है. आईसीयू बेड खाली करना होगा. सामान्य वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई प्रॉपर नहीं थी. उसकी तबीयत बिगड़ने लगी ओर रविवार को मौत हो गई.
शव बाहर लाने के 1 हजार मांगे -
मधुराजा ने बताया कि अस्पताल बिना पैसे के कोई काम नहीं होता. हर आदमी को पैसे देने पड़ रहे है. सीमा का शव वार्ड से बाहर लाने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी। वार्ड बॉय ने 1 हजार रुपए की डिमांड की, पैसा नहीं देने पर उसने शव के हाथ तक नहीं लगाया. शव को वार्ड से नीचे तक स्ट्रेचर पर लाए फिर जैसे तैसे सीमा के पिता ने कंधे पर शव रखकर गाड़ी तक पहुंचाया। यहां खड़े एम्बुलेंस चालक से झालावाड़ शव ले जाने के लिए बात की। एक एम्बुलेंस चालक ने 35 हजार किराया बताया। दूसरे ने 18 हजार, वहीं तीसरे ने 15 हजार रुपए बताए ।
कार की आगे की सीट पर रखा शव -
मधुराजा ने बताया कि एम्बुलेंस चालकों द्वारा मनमाना किराया मांगने के बाद सीमा के पिता ने खुद की कार से बेटी का शव को ले जाने का फैसला किया. कार की आगे की सीट पर शव को रखा, शव को सीट बेल्ट से बाधा और झालावाड लेकर पहुंचे. इस दौरान एक ओर परिजन भी मृतक के शव को अपनी कार में रखकर ले जा रहे थे. वहां भी कोई वार्डबॉय नहीं था. परिजनों ने खुद ही शव को स्ट्रेचर से उठाकर कार में रखा
पढ़ें - शराब बेचने वाले आरोपियों का पुलिस ने ही बनवाई फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट, बदले में पैसे लेकर भरोसा दिलाया नहीं जाओगे जेल
महिला के साथ-साथ वो साँसे भी हमेशा के लिए थम गईं जो चंद महीनों बाद इस दुनिया में आकर अपनी आँखे खोलता