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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से कोटा मार्ग पर नेवरा-भरनी के बीच स्थित फ़ार्म हाउस में है ये बूढ़ा बरगद, गुजरे जमाने की कई कहानियाँ अपने भीतर समेटे है। |
TODAY छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से कोटा रोड पर एक निजी स्वामित्व वाली भूमि में सैकड़ों वर्ष पुराना एक विशाल बरगद का पेड़ है। पेड़ की हजारों शाखाओं को देखकर उसके उम्रदराज होने का पता चलता है। एक अनुमान के मुताबिक़ इस विशाल बरगद के पेड़ की उम्र करीब-करीब 300 साल होगी। अगर इस पेड़ को देश के सबसे बड़े और पुराने बरगद के पेड़ों में से एक माना जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि इस बूढ़े बरगद को हेरिटेज ट्री का दर्जा प्राप्त नहीं है और ना ही इसे संरक्षित करने के लिए किसी सरकारी उपाय की जरूरत। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
यह विशालकाय पेड़ देखकर ऐसा लगता है मानो पूरा जंगल हो। बूढ़े बरगद की सैकड़ों शाखाओं से कई दूसरी जटाएं अब जड़ का रूप ले चुकी हैं। इस कारण ये पेड़ आज भी बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक़ इस पेड़ की सैकड़ा से भी ज्यादा बरह यानी प्रॉप जड़ें (जमीन में घुसकर तने का रूप ले चुकी पेड़ की शाखाओं से निकली जड़ें, जिन्हें आमतौर पर जटाएं कहते हैं) हैं। दरअसल, बरगद के पेड़ की शाखाओं से जटाएं पानी की तलाश में नीचे जमीन की ओर बढ़ती हैं। वे बाद में जड़ के रूप में पेड़ को पानी और सहारा देने लगती है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से कोटा मार्ग पर नेवरा-भरनी के बीच स्थित फ़ार्म हाउस की देख रेख करने वाले जगदीश यादव का कहना है कि उसके दादा जी ने भी इस वट वृक्ष की कहानियां अपने पुरखों से सुनी थी । जगदीश के मुताबिक वो चौथी पीढ़ी है। उनके एक अनुमान के मुताबिक यह बरगद 300 साल पुराना होगा।